छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 14 जून 2023। भारतीय क्रिकेट टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार के बाद कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रही है। ऑस्ट्रेलिया से 209 रन से हारने के बाद भारतीय टीम पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल कप्तान रोहित शर्मा के नेतृ्त्व और कोच राहुल द्रविड़ के मैनेजमेंट पर है। हालांकि, भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली का मानना है कि मौजूदा समय में यही दोनों भारतीय कप्तान और कोच के पद के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प हैं। रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने 2021 में टी20 विश्व कप के बाद भारतीय टीम की कमान संभाली थी। हालांकि, इन दोनों के आने से टीम में कुछ खास बदलाव नहीं आए हैं। इन दोनों से उम्मीद की जा रही थी कि रोहित-द्रविड़ की जोड़ी आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म करेगी, लेकिन दो मौकों पर यह जोड़ी फेल हो चुकी है। भारत ने आखिरी बार आईसीसी ट्रॉफी 2013 में एमएस धोनी के नेतृत्व में जीती थी।
सोशल मीडिया पर आलोचनओं से घिरे रोहित और राहुल से उनके पद छोड़ने की मांग की जा रही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बाद फैंस खासा निराश हैं। इस बीच रोहित और द्रविड़ के बचाव में सौरव गांगुली ने कहा “यह चयनकर्ताओं का फैसला है पर यह सोशल मीडिया को क्यों प्रभावित कर रहा है। दो साल पहले विराट कोहली ने खुद टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी छोड़ी थी। अगर आप मुझसे पूछेंगे की भारत का कोच और कप्तान तब कौन हो सकता था और कौन होगा तो मेरा जवाब अभी भी राहुल और रोहित ही होगा। बिल्कुल, कम से कम इस साल होने वाले विश्व कप तक ऐसा ही रहेगा, उसके बाद मैं नहीं जानता की रोहित क्या सोचते हैं और क्या करना चाहते हैं। अभी राहुल और रोहित भारत के लिए बेस्ट हैं और मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। कोच राहुल द्रविड़ ने भी ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद निराशा जताई थी। उनका मानना था कि अगर मैच से पहले अभ्यास के लिए टीम को तीन हफ्ते मिलते तो शायद आज तस्वीर कुछ और हो सकती थी।
द्रविड़ ने कहा “एक कोच के तौर पर मैं तैयारियों से कभी खुश नहीं होता लेकिन, यह एक सच्चाई है जिसका हमें सामना करना है। अगर हम तीन हफ्ते पहले इंग्लैंड आते, अभ्यास मैच खेलते तो वह अच्छा होता। हमें उसी से काम चलाना पड़ा जितना समय हमारे पास था। मुझे नहीं लगता की हमें अब बहाने बनाने चाहिए। साफ तौर पर ऑस्ट्रेलियाई टीम हर तरीके से भारतीय टीम से बेहतर नजर आई। वहीं, भारत की इस हार के लिए खुद भारतीय टीम ही जिम्मेदार है। यह टीम लगातार दूसरी बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचकर हार गई।