इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 17 जून 2023। नई दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी अब प्रधानमंत्री म्यूजियम के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब राजनीति का सियासी माहौल काफी गर्म हो गया है। कांग्रेस के बाद अब शिवसेना (यूबीटी) ने मोदी सरकार के इस कदम की आलोचना की है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग इतिहास मिटाना चाहते हैं।
बीजेपी इतिहास को खत्म करना चाहती है
संजय राउत ने कहा कि पंडित नेहरू ने देश को बनाने के साथ-साथ आजादी की लड़ाई में अपने योगदान दिया था। उन्हीं के नाम पर ये पंडित जवाहर लाल नेहरू प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम हो सकता था लेकिन आप लोग (बीजेपी) इतिहास को खत्म करना चाहते है। पंडित नेहरू से नफरत के कारण ये सब किया जा रहा है। राउत ने कहा कि मैं इस बात पर सहमत हूं कि म्यूजियम में दूसरे प्रधानमंत्रियों को स्थान मिलना चाहिए। अटल जी, इंदिरा जी, लाल बहादुर शास्त्री, सभी ने देश के लिए काम किया है। उस म्यूजियम में ऐसा सेक्शन होना चाहिए जिसमें दूसरे प्रधानमंत्रियों के काम को भी जगह मिले, लेकिन म्यूजियम का नाम बदलने की जरूरत नहीं है।
दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं
कांग्रेस ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदले जाने को लेकर केंद्र सरकार पर ‘संकीर्ण सोच और प्रतिशोध’ से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि जिनका अपना इतिहास नहीं है वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह दावा भी किया कि सरकार के इस कदम से भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ‘ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये’ का परिचय मिलता है। उनका यह भी कहना है कि ऐसे कदम से पंडित जवाहरलाल नेहरू की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी (एनएमएमएल) का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया है, जिसे लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है।