इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 12 अगस्त 2023। तख्तापलट के बाद पश्चिमी अफ्रीकी देशों के संगठन ईसीओडब्ल्यूएस ने नाइजर के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का एलान किया है। तनावपूर्ण को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को तुरंत नाइजर छोड़ने की सलाह दी है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में परामर्श जारी किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार नाइजर में चल रहे घटनाक्रम में करीब से नजर बनाए हुए है और जिन भारतीयों की उपस्थिति नाइजर में आवश्यक नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द हिंसाग्रस्त देश छोड़ने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय ध्यान दें कि हवाई क्षेत्र फिलहाल बंद है। जमीनी सीमाओं से प्रस्थान करते समय ज्यादस सतर्क रहने की जरूरत है। मदद के लिए नियामी स्थित भारतीय दूतावास के टेलीफोन नंबर +227-99759975 पर संपर्क कर सकते हैं।’
अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान में लगभग 250 भारतीय नाइजर में रह रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने सलाह दी कि जो लोग नाइजर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें स्थिति सामान्य होने तक अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए। भारतीय दूतावास भारतीयों को देश से बाहर निकलने की सुविधा मुहैया कराने पर विचार कर रहा है। दरअसल, जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने 26 जुलाई को नाइजर में तख्तापलट करके राष्ट्रपति मोहम्मद बजूम को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
सेना भेजने के लिए आपात बैठक
लोकतंत्र बहाल करने के लिए ईसीओडब्ल्यूएस ने गुरुवार को नाइजीरिया की राजधानी अबूजा में एक आपात बैठक की। बैठक में नाइजर के सैन्य शासन के खिलाफ संयुक्त सैन्य अभियान चलाकर वहां राष्ट्रपति मोहम्मद बजूम की सत्ता को बहाल करने का संकल्प लिया गया। वहीं, नाइजर के सैन्य शासक अब्दुल रहमान तियानी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने नाइजर के खिलाफ युद्ध छेड़ा, तो बजूम की हत्या कर दी जाएगी।
नाइजर की सेना से टकराना आसान नहीं
ईसीओडब्ल्यूएस 15 देशों का समूह है। हालांकि, इन देशों में सिर्फ नाइजीरिया ही है, जिसके पास मजबूत सेना है। नाइजर की सेना में 33 हजार जवान हैं। इसके अलावा सेना के पास फ्रांस और अमेरिका से मिले आधुनिक हथियार भी हैं। ऐसे में ईसीओडब्ल्यूएस का नाइजर की सेना से टकराना आसान नहीं होगा। इसके अलावा पड़ोसी देश माली व बुर्किना फासो के सैन्य शासकों का भी नाइजर को समर्थन प्राप्त है।