इंडिया रिपोर्टर लाइव
इंफाल 19 फरवरी 2024। मणिपुर के एक आदिवासी संगठन ने चुराचंदपुर जिले में पुलिसकर्मी के निलंबन से नाराज होकर सरकारी कर्मचारियों से सोमवार से काम पर न जाने का आग्रह किया है। बता दें कि निलंबित पुलिसकर्मी कथित तौर पर एक वीडियो में हथियारबंद लोगों के साथ देखा गया था। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के इस कदम के चलते राज्य के गृह विभाग ने एक आदेश कर दिया। इसमें कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी ने अनधिकृत छुट्टियां लीं तो उसका वेतन काट दिया जाएगा। आईटीएलएफ की मांग है कि हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल के निलंबन को रद्द किया जाए। साथ ही पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे और उपायुक्त धरुण कुमार को तत्काल बदला जाए।
दरअसल, 15 फरवरी को हेड कांस्टेबल के निलंबन के कुछ घंटों बाद चुराचांदपुर में लोग आक्रोशित हो गए। भीड़ ने एसपी और डीसी कार्यालयों वाले सरकारी परिसर में घुसकर वाहनों को आग लगा दी और सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ की। इसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में गोलीबारी कर दी, जिसके चलते कम से कम दो लोग मारे गए और 30 घायल हो गए।
संगठन ने दी चेतावनी
संगठन ने शनिवार को एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अल्टीमेटम दिए हुए 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक कोई रद्दीकरण या प्रतिस्थापन नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी ऑफिस जाने से बचें, अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी।
चुराचांदपुर हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
मणिपुर सरकार ने चुराचांदपुर जिले में हाल ही में एक पुलिसकर्मी के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर भड़की हिंसा के संबंध में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। एक आधिकारिक सूचना के अनुसार राज्य सरकार की राय है कि देशद्रोही प्रकृति के अपराधों/हिंसा/बर्बरता/आगजनी और जानमाल की हानि, धमकी के तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच कराना आवश्यक है। गौरतलब है कि 15 फरवरी को सुरक्षाबलों की गोलीबारी में कम से कम दो लोग मारे गए और 30 घायल हो गए, जब भीड़ ने एक हेड कांस्टेबल के निलंबन के कुछ घंटों बाद, डिप्टी कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक कार्यालयों वाले सरकारी परिसर में घुसकर वाहनों को आग लगा दी और संपत्ति में तोड़फोड़ की थी।