इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 14 अप्रैल 2024। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम रोज देखते हैं कि जिनके पास संसाधन हैं, वे न्याय का दुरुपयोग कर रहे हैं। एक जज होने के नाते यह हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। मुझे लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) लोगों के बीच में एक गैप बना सकती है, लेकिन यह नए मौके भी देगी। सीजेआई ने शनिवार को भारत एवं सिंगापुर के सुप्रीम कोर्ट के बीच प्रौद्योगिकी एवं संवाद विषयक दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, एआई अप्रत्याशित अवसर उपलब्ध कराती है तो वह नैतिकता, जवाबदेही और पक्षपात से संबंधित कई चुनौतियां भी उत्पन्न करती है।
एआई से अवसर और चुनौतियां
एआई इनोवेशन की अगली सीमा तक ले जाती है और अदालती निर्णय प्रक्रिया में इसका इस्तेमाल अवसर तथा चुनौतियों दोनों ही पेश करता है, जिस पर गहन विचार-विमर्श की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अदालती कार्यवाही समेत आधुनिक प्रक्रियाओं में एआई के इस्तेमाल से ऐसे जटिल नैतिक, कानूनी और व्यावहारिक विषय खड़े होते हैं, जिनकी व्यापक समीक्षा की जरूरत है। इन चुनौतियों के समाधान के लिए वैश्विक पक्षों की ओर से ठोस प्रयासों की जरूरत है।
सीजेआई ने कहा कि कानूनी क्षेत्र में भी, कानूनी शोध से लेकर केस विश्लेषण तक और अदालती कार्यवाही की कार्यकुशलता तक, जिस तरह कानूनी पेशेवर काम करते हैं, उनमें बदलाव लाने में एआई में अपार संभावना है। सम्मेलन में सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश सुंदरीष मेनन भी मौजूद थे।