इंडिया रिपोर्टर लाइव
मुंबई 16 जनवरी 2025। महाराष्ट्र के पुणे में बुधवार को आयोजित 77वीं सेना दिवस परेड इस बार काफी अलग और भव्य दिखाई दी। परेड में पहली बार महिलाओं का अग्निवीर दस्ता, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की महिला मार्चिंग टुकड़ी और रोबोटिक खच्चरों के समूह ने भाग लिया। इस दौरान, सेना ने अपनी सैन्य ताकत को कुछ नवीनतम तकनीकों के जरिए प्रदर्शित किया, और कार्यक्रम के दौरान नवोदित कैडेट्स ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं। एनसीसी की बालिका कैडेट्स और बेंगलुरू में कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी) में प्रशिक्षण लेने वाली महिला अग्निवीर बहुत खुश थीं।
यह वार्षिक परेड पुणे के बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (बीईजी) और सेंटर में हुई, जो सेना की दक्षिणी कमान के अंतर्गत आता है। पुणे ने पहली बार इस प्रतिष्ठित परेड की मेजबानी की। सोलापुर जिले की अग्निवीर घुगरे समीक्षा विनोद ने कहा कि यह हमारे लिए एक विशेष दिन है। हमने पिछले नवंबर में सीएमपी प्रशिक्षण पूरा किया और पिछले महीने से परेड के लिए अभ्यास कर रहे हैं। हमने इसके लिए बहुत मेहनत की थी। हमें गर्व महसूस हुआ। लोगों ने भी हमारा उत्साहवर्धन किया।
महिला अग्निवीरों ने पहली हरे और लाल रंग की टोपी
अग्निवीर अंकिता पुजारी बसवराज ने कहा कि जब वे पुरुष टुकड़ियों की तुलना में खुद को देखते हैं और महसूस करते हैं कि वे उनकी तरह मार्च कर सकते हैं, तो इससे उनका जोश बढ़ता है। उन्होंने बताया कि महिला अग्निवीरों ने हरे और लाल रंग की टोपी के साथ काली वर्दी पहन रखी थी, जबकि एनसीसी कैडेट्स ने खाकी वर्दी और लाल टोपी पहनी हुई थी।
बालिका कैडेट्स की टुकड़ी की कमांडर रहीं नैना रावत
नैना रावत, जो बालिका कैडेट्स की टुकड़ी की कमांडर थीं, ने कहा कि हमें गर्व महसूस हो रहा है। हम एनसीसी बालिका कैडेट्स का पहला बैच हैं, जिन्होंने इस परेड में हिस्सा लिया। एक अन्य कैडेट एलीज क्वाक्सी ने कहा कि गर्व और भव्यता की भावना हमें और लड़कियों को एनसीसी और सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।
12 रोबोटिक खच्चरों के समूह ने लिया भाग
परेड में कुछ रोबोटिक खच्चर भी थे। 12 ‘रोबोटिक खच्चरों’ का एक समूह, जो दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ, सेना के आधुनिकीकरण का प्रतीक है। ये मशीनें भार उठाने में सक्षम हैं और दुर्गम क्षेत्रों में काम कर सकती हैं।
‘समर्थ भारत, सक्षम सेना’ रहा परेड का विषय
इस वर्ष की परेड का विषय ‘समर्थ भारत, सक्षम सेना’ था, और इसका फोकस सेना की क्षमताओं को प्रदर्शित करना था। परेड ग्राउंड को सेना और दक्षिणी कमान के प्रतीक चिह्नों से सजाया गया था और ‘नारी शक्ति’, ‘आत्मनिर्भरता’ जैसे विषयों पर पोस्टर भी लगाए गए थे।