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नैरौबी 02 जुलाई 2024। केन्या में नई कर वृद्धि के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अबतक इस हिंसा में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में राष्ट्रीय अधिकारों की निगरानी का हवाला देते हुए बताया कि प्रदर्शनकारियों ने केन्या में इस सप्ताह एक नए दौर के विरोध प्रदर्शन के लिए कमर कस ली है। केन्या नेशनल कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स (केएनसीएचआर) के रिकॉर्ड के मुताबिक केन्या में देशव्यापी कर कानून के विरोध प्रदर्शनों के संबंध में 39 लोग मारे गए हैं और 361 घायल हुए हैं। इसके अलावा जबरन गायब होने के 32 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं 627 प्रदर्शनकारियों की इसमें गिरफ्तारियां भी हुई हैं।
किस कारण मचा बवाल?
बता दें कि केन्या में सरकार द्वारा नए टैक्स लगाने से जनता काफी गुस्से में है। यहां मई में केन्या फाइनेंस विधेयक 2024 पेश किया गया, जिसमें ब्रेड, कैंसर ट्रीटमेंट, कुकिंग ऑयल, बच्चों का डायपर से सैनेटरी पैड, मोटर वाहन, सोलर उपकरण से लेकर डिजिटल सर्विस से जुड़े प्रोडक्ट्स पर भारी-भरकम टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। इसमें ब्रेड पर 16 फीसदी सेल्स टैक्स, कुकिंग ऑयल पर 25 फीसदी टैक्स, मोटर व्हीकल पर 2.5 फीसदी वैट और इंपोर्ट ड्यूटी को तीन फीसदी का प्रस्ताव है।
आक्रोशित भीड़ ने संसद में लगाई आग
वहीं इस विधेयक पर केन्या के संसद में मौजूद सभी सांसदों ने इसका समर्थन किया है। उनका मानना है कि यह सरकारी कामों को पूरा करने के लिए जरूरी है। रेवेन्यू बढ़ाने पर होने वाली कमाई के जरिए सरकार देश में सड़कों का निर्माण, स्कूलों में टीचर्स को हायर कर सकेगी। वहीं किसानों को फर्टिलाइजर के लिए सब्सिडी मिल जाएगी। इससे देश पर कर्ज कम हो जाएगा।
उसके बाद इस विधेयक को लेकर संसद में वोटिंग हुई, जिसमें करीब 195 में से 106 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया, जिसके बाद पूरे इलाके में प्रदर्शन शुरू हो गया। इस समय सदन के अंदर सांसद विधेयक पर चर्चा कर रहे थे, उसी समय आक्रोशित भीड़ ने संसद में आग लगा दी। इसके बाद सांसदों को संसद भवन से सुरक्षित निकाला गया।
पुलिस ने आंसू गैस और गोलियां चलाईं
केन्या की संसद में हजारों लोगों के घुसने और उसके एक हिस्से में आग लगाने के बाद पुलिस ने आंसू गैस और गोलियां चलाईं। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने मंगलवार को हिंसा और अराजकता के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही है।
राष्ट्रपति विलियम रूटो के सामने संकट
केन्या में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन से वहां के मौजूदा राष्ट्रपति विलियम रूटो की सरकार के सामने ये सबसे गंभीर संकट है क्योंकि उन्होंने सिंतबर 2022 में एक ऐसे देश में गहरे विभाजनकारी चुनाव के बाद पदभार संभाला था, जिसे अक्सर अशांत क्षेत्र में स्थिरता का प्रतीक माना जाता है।
भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
केन्या में 80 हजार से एक लाख तक भारतीय रहते हैं। हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच भारतीयों के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास की तरफ से कहा गया है कि वे बेवजह घर से बाहर न निकलें और हिंसा वाली जगहों से दूर रहें।