इंडिया रिपोर्टर लाइव
बंगलूरू 29 अक्टूबर 2024। कर्नाटक भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार अनुसूचित जातियों में आंतरिक्ष आरक्षण देने के प्रति ईमानदार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार सिर्फ उपचुनाव में राजनीतिक फायदे के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल कर रही है। गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार की कैबिनेट ने सोमवार को राज्य में अनुसूचित जातियों में आंतरिक आरक्षण लागू करने को मंजूरी दे दी। सरकार ने इसके लिए उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन करने का फैसला किया है। इस आयोग को अनुसूचित जातियों से संबंधित आंकड़े इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
कर्नाटक भाजपा ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि ‘अगर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी सरकार आंतरिक आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर होती तो उन्होंने कांताराज रिपोर्ट (सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक सर्वे, जिसे जातीय जनगणना भी कहा जाता है) पर ही बहुत पहले कार्रवाई कर ली होती, लेकिन कांग्रेस पार्टी और सीएम सिद्धारमैया सिर्फ इस मुद्दे का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश करती है और सिर्फ असमंजस पैदा करती है।’
पत्रकारों से बातचीत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मुख्यमंत्री या कांग्रेस सरकार इस विशेष मुद्दे पर ईमानदार हैं। भाजपा ने इस विषय पर बार-बार अपना रुख स्पष्ट किया है, लेकिन जब उपचुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो सिद्धरमैया और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।’ कर्नाटक की चन्नापटना, शिग्गांव और संदूर विधानसभा सीटों पर13 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा।
केंद्र सरकार ने दिया था ये सुझाव
भाजपा ने कांग्रेस सरकार से आंतरिक आरक्षण लागू करने की मांग की थी। अब उपचुनाव से पहले जब कर्नाटक सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है तो भाजपा ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। केंद्र सरकार ने जो सुझाव दिया था, उसके मुताबिक अनसूचित जाति (बाएं) को 6 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (दाएं) को 5.5 प्रतिशत और बंजारा, भोवी, कोरचा, कुरुमा आदि जातियों को 4.5 प्रतिशत और बाकी अन्य अनुसूचित जातियों को देने की बात कही गई थी।