
इंडिया रिपोर्टर लाइव
वांशिगटन 10 अप्रैल 2022। भारत- अमेरिका के बीच शुरू होने जा रही ‘2+2’ वार्ता से पहले व्हाइट हाउस की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि भारत-अमेरिका के रिश्ते दुनिया में सबसे अहम है और उम्मीद है कि होने वाली वार्ता हमारे रिश्तों को और बेहतर बनाएगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि, यह वार्ता हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएगी। जेन साकी ने कहा कि, ‘2+2’ वार्ता के दौरान रूस-यू्क्रेन युद्ध के कारण ऊर्जा और खाद्य संकट पर भी दोनों देशों के बीच बातचीत होगी।
दरअसल, यह वार्ता रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री स्तरीय है। ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका की यात्रा करेंगे और सोमवार को इस समिट में भाग लेंगे। दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 से 15 अप्रैल के बीच वाशिंगटन डीसी में चौथे टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा पर होंगे। यूक्रेन और रूस के बीच जारी लड़ाई के बीच आयोजित हो रही इस वार्ता पर दुनियाभर की नजरें हैं।
राजनाथ सिंह अमेरिका रवाना
अमेरिका के दौरे पर रवाना होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि वह यात्रा के दौरान अच्छी बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं। राजनाथ और विदेश मंत्री एस जयशंकर 11 अप्रैल को वाशिंगटन में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन के साथ ‘2+2’ संवाद के चौथे संस्करण के लिए अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह हवाई में यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड (INDOPACOM) के मुख्यालय का भी दौरा करेंगे।
यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के मुख्यालय भी जाएंगे
इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं 10 अप्रैल से 15 अप्रैल तक संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के लिए आज रात नई दिल्ली से प्रस्थान करूंगा। मैं वाशिंगटन डीसी में चौथे भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। इसके अलावा मैं INDOPACOM मुख्यालय का दौरा करूंगा।’ INDOPACOM अमेरिका की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी लड़ाकू कमान है जो इंडो-पैसिफिक में अमेरिकी सैन्य गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है।
दलीप सिंह ने भारत को नहीं दी कोई चेतावनी
व्हाइट हाउस के सलाहकार भारतीय मूल के दलीप सिंह की भारत यात्रा को लेकर भी व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी किया गया है। जेन साकी ने कहा कि, दलीप सिंह ने भारत यात्रा के दौरान रूस से तेल आयात को लेकर भारत को कोई चेतावनी नहीं दी थी, बल्कि उन्होंने भारतीय पक्ष के साथ सकारात्मक वार्ता की थी। उन्होंने कहा कि, भारत रूस की तुलना में अमेरिका से अधिक ऊर्जा आयात करता है। दरअसल, दलीप सिंह ने भारत यात्रा के दौरान कथित रूप से कहा था कि, यदि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करता है तो भारत को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि रूस उसकी मदद करेगा।
भारत को नाम, रूस से दूर होते देखना पसंद करेंगे : वेंडी शरमन
बाइ़डन प्रशासन ने सांसदों से कहा है कि भारत-अमेरिका के बीच रक्षा कारोबार को बढ़ाने का एक बड़ा मौका है। ऐसे में अमेरिका पसंद करेगा कि भारत गुट निरपेक्ष जी-77 साझेदारी (नाम) के अपने लंबे इतिहास में रूस से दूर हो जाए। अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने इस सप्ताह के प्रारंभ में कांग्रेस की एक सुनवाई में विदेश संबंध समिति से कहा कि अमेरिका, भारत के साथ बेहद अहम रिश्ते साझा करता है। इस दौरान उन्होंने हिंद-प्रशांत सुरक्षा और ऑस्ट्रेलिया व जापान के साथ क्वाड का भी जिक्र किया।
सांसद इल्हान उमर बोलीं- मानवाधिकारों पर मोदी की आलोचना क्यों नहीं
अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने अमेरिका की तरफ से भारत को दिए जाने वाले समर्थन पर सवाल उठाते हुए कहा कि मानवाधिकार मुद्दों पर बाइडन प्रशासन मोदी सरकार की आलोचना से क्यों हिचकती है? उन्होंने कहा, चीन में मानवाधिकार हनन पर अमेरिकी कदम प्रशंसनीय हैं लेकिन भारत पर उसका रुख सही नहीं है। उमर ने भारत विरोधी रुख अपनाते हुए कि भारत मुस्लिम विरोधी नीति बना रहा है। जब उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो उमर ने कहा, हम अपने सहयोगियों की बुराइयों के खिलाफ भी खड़े होने की आदत बनाएं।