
इंडिया रिपोर्टर लाइव
कोलकाता 09 फरवरी 2025। पिछले दो महीनों में हैम रेडियो के संचालकों ने दक्षिण बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बांग्ला, उर्दू और अरबी में संदिग्ध सिग्नल का पता लगाया है, जिसने संभावित चरपंथी गतिविधियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह घटना बांग्लादेश में जारी अशांति और भारत विरोधी बयानबाजी के बीच सामने आई है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। हैम या शौकिय रेडियो संचालकों को केंद्रीय संचार मंत्रालय से लाइसेंस हाशिल है और उन्हें विशिष्ट रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग करके संचार करने का अधिकार होता है। पहली बार दिसंबर 2024 में रेडियो सिग्नल का पता लगाया गया था। तब हैम रेडियो संचालकों ने उत्तर 24 परगना के बशीरहाट और बोगांव के साथ-साथ दक्षिण 24 परगना के सुंदरबन में बांग्ला, अरबी और उर्दू में अनाधिकृत संचार का पता लगाया। इसके बाद ऑपरेटरों ने संचार मंत्रालय को इसकी जानकारी दी और बाद में इन्हें कोलकाता के अंतरराष्ट्रीय निगरानी स्टेशन को ट्रैक करने के लिए भेजा गया।
पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग बिस्वास ने पीटीआई से कहा, ये संदिग्ध रेडियो सिग्नल रात एक बजे से तीन बजे के बीच पकड़े गए। ये बांग्लादेशी उच्चारण के साथ बांग्ला, उर्दू और अरबी भाषा में हैं। कभी-कभी सिग्नल किसी दूसरी भाषा में भी होते हैं, जिन्हें हम पहचान नहीं पाते जब भी हमने बात करने वालों से उनकी पहचान पूछी, तो वे चुप हो गए।बिस्वास ने कहा, इस तरह का पहला सिग्नल दिसंबर के मध्य में उत्तर 24 परगना जिले के सोदेपुर में एक हैम रेडियो ऑपरेटर ने पकड़ा था। शुरू में हमने इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया, लेकिन फिर बशीरहाट, बोंगाव और बाद में दक्षिण 24 परगना जिले से भी इसी तरह के सिग्नल मिले। जनवरी के मध्य में भी गंगासागर मेले के दौरान कई हैम रेडियो उपयोगकर्ताओं ने इन संदिग्ध सिग्नल को सुनने की बात कही।
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें से 2,217 किलोमीटर पश्चिम बंगाल के साथ लगती है। इसका अधिकतर हिस्सा खुला है। पिछले साल अगस्त में ढाका में शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद बढ़े तनाव के बीच सीमा सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उभरा है। पांच अगस्त को हसीना के भारत आने के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की है।