ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों से पहले भारत को बड़ा झटका, क्रिकेट-बैडमिंटन, हॉकी-शूटिंग इन खेलों से बाहर

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 22 अक्टूबर 2024। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की पदक संभावनाओं को करारा झटका देते हुए मेजबान शहर ग्लासगो ने क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती और निशानेबाजी जैसे प्रमुख खेलों को 2026 संस्करण से हटा दिया है। ग्लासगो ने बजट के अनुकूल खेलों को 2026 में होने वाले खेलों के लिए चुना है और इसकी लिस्ट भी बनाई है। बजट को सीमित करने और लॉजिस्टिक्स को व्यवस्थित करने के लिए टेबल टेनिस, स्क्वैश और ट्रायथलॉन को भी हटा दिया गया है। ग्लासगोमें केवल चार स्थान ही पूरे खेलों की मेजबानी करेंगे। 2022 बर्मिंघम संस्करण की तुलना में खेलों में आयोजनों की कुल संख्या नौ कम होगी।

2026 में होना है ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल

राष्ट्रमंडल खेलों के 23वें संस्करण की शुरुआत 2026 में 23 जुलाई से होगी और यह दो अगस्त तक चलेगा। 2014 में ग्लासगो में ही राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन हुआ था। 12 साल बाद मेजबान के रूप में ग्लासगो की वापसी कई परेशानियां लेकर आई हैं। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने एक बयान में कहा- खेल कार्यक्रम में एथलेटिक्स और पैरा एथलेटिक्स (ट्रैक एंड फील्ड), तैराकी और पैरा तैराकी, कलात्मक जिमनास्टिक, ट्रैक साइक्लिंग और पैरा ट्रैक साइक्लिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन और पैरा पावरलिफ्टिंग, मुक्केबाजी, जूडो, बाउल्स और पैरा बाउल्स, और 3×3 बास्केटबॉल और 3×3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल शामिल होंगे। खेल चार स्थानों पर होंगे – स्कॉट्सटाउन स्टेडियम, टोलक्रॉस इंटरनेशनल स्विमिंग सेंटर, एमिरेट्स एरेना- जिसमें सर क्रिस होय वेलोड्रोम और स्कॉटिश इवेंट कैंपस (एसईसी) शामिल हैं। एथलीटों और सहायक कर्मचारियों को होटल आवास में रखा जाएगा।’

भारत की पदक की संभावनाओं को झटका

यह रोस्टर भारत की पदक संभावनाओं के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पिछले संस्करण में देश के अधिकांश पदक हटाए गए खेलों से आए थे। चार साल पहले लॉजिस्टिक्स के कारण बर्मिंघम कार्यक्रम से हटा दिए जाने के बाद शूटिंग की वापसी की कभी उम्मीद नहीं थी। ग्लासगो कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने कहा, ‘ग्लासगो 2026 में आठ मील के गलियारे के भीतर चार स्थानों पर केंद्रित 10-खेल कार्यक्रम होगा।’ इसने शूटिंग को रोस्टर से बाहर कर दिया क्योंकि बैरी बुडन सेंटर (2014 सीडब्ल्यूजी के दौरान शूटिंग की मेजबानी) ग्लासगो से 100 किमी से ज्यादा दूर है।

कुश्ती स्थल ग्लासगो

ग्लासगो ग्रीन और स्कॉटिश प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र, जिसने 2014 में हॉकी और कुश्ती की मेजबानी की थी, को आयोजन स्थलों की सूची से हटा दिया गया है, जबकि सर क्रिस होय वेलोड्रोम, जहां उस साल बैडमिंटन आयोजित किया गया था, इस बार केवल साइकिलिंग के लिए उपयोग किया जाएगा। लागत के अलावा, हॉकी को बाहर करने का कारण यह भी हो सकता है कि खेलों का आयोजन विश्व कप के करीब किया जा रहा है जो दो सप्ताह बाद 15 से 30 अगस्त तक वावरे, बेल्जियम और अम्स्टेलवीन, नीदरलैंड में निर्धारित है। ऑस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया 2026 संस्करण का मूल मेजबान था, लेकिन बढ़ती लागत के कारण पिछले साल उसने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद स्कॉटलैंड ने खेलों को बचाने के लिए कदम बढ़ाया।

हॉकी का बाहर होना झटका

खेलों से हॉकी का बाहर होना भारत के लिए एक बड़ा झटका होगा। पुरुष टीम ने तीन रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं, जबकि महिलाओं ने भी चमक बिखेरी है और 2002 के खेलों में एक ऐतिहासिक स्वर्ण सहित तीन पदक जीते हैं। बैडमिंटन में भारत ने प्रभावशाली 31 पदक जीते हैं। इनमें 10 स्वर्ण, आठ रजत और 13 कांस्य शामिल हैं। खासतौर पर देश को 2026 संस्करण में पुरुष और महिला एकल के साथ-साथ पुरुष युगल में गत चैंपियन के रूप में प्रवेश करना था। निशानेबाजी भारत के लिए एक मजबूत पदक की उम्मीद थी, जिसके नाम पर चौंका देने वाले 135 पदक थे। गिनती में 63 स्वर्ण, 44 रजत और 28 कांस्य शामिल थे। कुश्ती प्रतियोगिता में देश को 114 पदक मिले हैं, जिनमें 49 स्वर्ण, 39 रजत और 26 कांस्य शामिल हैं।

2022 में क्रिकेट को जोड़ा गया था

2022 में क्रिकेट की इन खेलों में दोबारा शुरुआत के बाद भारतीय महिला टीम ने रजत पदक जीता था। पैरा-एथलीट 2002 मैनचेस्टर संस्करण से खेलों का हिस्सा रहे हैं और 2026 संस्करण में भी बने रहेंगे। सीजीएफ ने कहा, ‘पैरा खेल को एक बार फिर खेलों के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता और अंतर के बिंदु के रूप में पूरी तरह से एकीकृत किया जाएगा, जिसमें छह पैरा खेलों को खेल कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।’ सीजीएफ ने कहा कि खेलों से शहर में 100 मिलियन पाउंड से अधिक का निवेश आएगा और इस क्षेत्र के लिए 150 मिलियन पाउंड से अधिक का आर्थिक मूल्य जोड़ने में मदद मिलने की उम्मीद है।

संस्था ने दावा किया कि यह सब एक ऐसे मॉडल की बदौलत संभव होगा जिसे विशेष रूप से खेलों के आयोजन के लिए सार्वजनिक धन की आवश्यकता नहीं होने के लिए डिजाइन किया गया है। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ की सीईओ केटी सैडलेयर ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा- 2026 के खेल कल के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एक पुल होंगे। भविष्य के लिए खेलों को वास्तव में सहयोगी, लचीले और टिकाऊ मॉडल के रूप में रीसेट और फिर से परिभाषित करने की हमारी यात्रा में एक रोमांचक पहला कदम जो लागत को कम करता है। यह पर्यावरणीय पदचिह्न को कम करता है और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाता है।’

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