मुंबई 26 जून 2021। प्रवर्तन निदेशालय ने आज महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को नोटिस भेजकर पेश होने को आदेश दिया है। हालांकि अनिल देशमुख के वकील प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय पहुंचे और एजेंसी के सामने पेशी के लिए किसी और दिन की मांग की। बता दें कि अनिल देशमुख के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने उन्हें नोटिस भेजा था। इसके अलावा आज सुबह ईडी ने उनके निजी सहायक कुंदन शिंदे और निजी सचिव संजीव पलांडे को गिरफ्तार किया है।
पीएमएलए के प्रावधानों के तहत करीब नौ घंटे की पूछताछ के बाद देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसी के मुंबई में बलार्ड इस्टेट स्थित कार्यालय में हुई पूछताछ के दौरान दोनों व्यक्ति सहयोग नहीं कर रहे थे।
जांच एजेंसी द्वारा मुंबई में दोनों व्यक्तियों और देशमुख के आवास तथा नागपुर में नेता के एक अन्य आवास पर की गई छापेमारी के बाद दोनों को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय लाया गया था। ईडी ने देशमुख एवं अन्य के खिलाफ तब दर्ज किया गया, जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के तहत दर्ज एक मामले में पहली आरंभिक जांच शुरू की।
अदालत ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों के संबंध में जांच एजेंसी को जांच का निर्देश दिया। देशमुख ने इन आरोपों के बाद अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है।
टीलिया मामले के बाद हुआ था खुलासा
उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर के बाहर एक एसयूवी में विस्फोटक सामग्री मिलने के मामले में जांच के दौरान सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की भूमिका सामने आई थी। इसके बाद सिंह को उनके पद से हटा दिया गया था। वाजे को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने वाजे को मुंबई के बार और रेस्त्रां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने को कहा था। देशमुख राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता हैं और ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य की महा विकास आघाड़ी सरकार में गृहमंत्री थे। सीबीआई ने देशमुख एवं अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।