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हैदराबाद 15 जनवरी 2024। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने रविवार को हैदराबाद में डीआरडीओ के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) में चल रही मिसाइल प्रौद्योगिकियों और संबंधित कार्यक्रमों की समीक्षा की। मौके पर मिसाइल और सामरिक प्रणाली के महानिदेशक (डीजीएमएसएस) यू राजा बाबू ने उन्हें विभिन्न तकनीकी विकासों के बारे में जानकारी दी।
सफल मिशनों के लिए वैज्ञानिकों को बधाई
डीआरडीएल, एएसएल और आरसीआई के लैब निदेशकों ने उनके द्वारा विकसित महत्वपूर्ण प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों के बारे में बताया। मंत्री ने डीआरडीओ प्रतिष्ठानों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइल प्रणालियों और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन देखा। भट्ट ने अग्नि-प्राइम, आकाश, आकाश-एनजी, वशोरैड्स, प्रलय आदि सहित हाल के सफल मिशनों के लिए सभी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर की सराहना
अजय भट्ट ने विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकों को स्वदेशी बनाने और आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप देश में रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर की सराहना की।
बुनियादी ढांचे का उपयोग…
उन्होंने कहा, ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पास मौजूद ज्ञान और बुनियादी ढांचे का उपयोग एमएसएमई और निजी उद्योगों द्वारा किया जाना चाहिए, जिससे हमारे देश में एक आत्मनिर्भर रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना होगी।’
उन्होंने कहा कि डीआरडीओ को दूसरे देशों को हथियार प्रणालियां निर्यात करने में विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए। उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि आज रक्षा केवल भूमि, समुद्र या आकाश तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अंतरिक्ष भी शामिल है।