
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 19 मई 2025। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान आपसी समन्वय की शक्ति और रणनीतिक दूरदृष्टि का प्रदर्शन किया है। उसने कहा कि इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं की संतुलित प्रतिक्रिया प्रदर्शित हुई, जिसमें सटीकता, पेशेवर अंदाज और उद्देश्य की झलक मिली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की परिकल्पना नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार और पाकिस्तान के अंदर तक आतंक के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए एक दंडात्मक और लक्षित अभियान के रूप में की गयी थी। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में छह मई की देर रात को आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। पाकिस्तानी प्रयासों का भारतीय पक्ष ने कड़ा जवाब दिया तथा वायु सेना के ठिकानों, वायु रक्षा प्रणालियों, कमान एवं नियंत्रण केंद्रों तथा रडार स्थलों सहित कई प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी क्षति पहुंचाई। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान भूमि, वायु और समुद्र में सभी प्रकार की गोलाबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमत हो गए हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई “सावधानीपूर्वक तैयार योजना और खुफिया जानकारी पर आधारित दृष्टिकोण” पर केंद्रित थी, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि ऑपरेशन न्यूनतम क्षति के साथ संचालित किया गया। इस ऑपरेशन के बाद, पाकिस्तान ने प्रमुख भारतीय वायुसैनिक अड्डों और साजो-सामान संबंधी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर जवाबी हमले शुरू किये।
मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, इन प्रयासों को भारत की व्यापक और बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली द्वारा प्रभावी ढंग से निष्प्रभावी कर दिया गया। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, “इस सफलता का मुख्य कारण एकीकृत कमान और नियंत्रण रणनीति (आईसीसीएस) थी, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक समय में खतरे की पहचान, आकलन और रोकथाम को संभव बनाया।” बयान में कहा गया, “ऑपरेशन सिंदूर के प्रत्येक क्षेत्र में सेनाओं के बीच प्रभावशाली तालमेल था और सरकार, एजेंसियों और विभागों द्वारा पूर्ण सहयोग दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि यह ऑपरेशन “भूमि, वायु और समुद्र में किया गया – यह भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच तालमेल का एक निर्बाध प्रदर्शन था।” इसमें कहा गया है कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने पाकिस्तान में आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ सटीक हमले करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें कहा गया है कि भारतीय वायुसेना ने नूर खान वायु सैनिक अड्डे और रहीमयार खान वायुसैनिक ठिकाने जैसे लक्ष्यों पर उच्च प्रभाव वाले हवाई अभियान चलाए। मंत्रालय ने कहा कि वायुसेना का मजबूत वायु रक्षा तंत्र सीमा पार से ड्रोन और मानवरहित विमान (यूएवी) हमलों के जवाब में भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। इसमें कहा गया है, “स्वदेशी रूप से विकसित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली और पिकोरा तथा ओएसए-एके जैसे मंचों को एक स्तरित रक्षा ग्रिड में प्रभावी ढंग से तैनात किया गया है।” इसके साथ ही, भारतीय सेना ने रक्षात्मक और आक्रामक दोनों भूमिकाओं में अपनी तैयारी और प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया।