इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 16 दिसंबर 2020। कृषि कानून के मसले पर जारी आंदोलन के बीच बुधवार को मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात करने का फैसला लिया है, इससे होने वाली कमाई, इसकी सब्सिडी को सीधे 5 करोड़ किसानों के खाते में डाला जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फैसलों की जानकारी दी।
कृषि कानून पर रोष के बीच गन्ना किसानों के लिए फैसला
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस साल सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का निर्णय किया है. किसानों के खाते में सीधे सब्सिडी जाएगी, इसमें 3500 करोड़ खर्च होंगे. इसके अलावा 18000 करोड़ रुपये की आय भी किसानों को दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इससे 5 करोड़ किसानों को फायदा होगा, 5 लाख मजदूरों को फायदा होगा। मंत्री के मुताबिक, एक हफ्ते के भीतर ही 5000 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी किसानों को मिलेगी. 60 लाख टन चीनी को 6 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से निर्यात किया जाएगा।
प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, इस साल शक्कर का उत्पादन 310 लाख टन होगा, देश की खपत 260 लाख टन है। शक्कर का दाम कम होने की वजह से किसान और उद्योग संकट में है, इसको मात देने के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और निर्यात को सब्सिडी देने का फैसला किया गया है।
कृषि कानून के मसले पर जारी किसानों के अंदोलन के बीच मोदी सरकार ने बड़ी संख्या में किसानों के लिए फैसला लिया है. सरकार लगातार कृषि कानूनों के मसले पर किसानों को मनाने में जुटी है।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि पूर्वोत्तर में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए नए बजट को मंजूरी दी गई है। पहले इसपर 5 हजार करोड़ रुपये खर्च होना था, लेकिन अब 6700 करोड़ का खर्च होगा. प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, इसके जरिए ट्रांसमिशन लाइन को बढ़ाया जाएगा, 24 घंटे बिजली के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार की ओर से स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का फैसला किया गया है, इससे पहले 2016 में ऐसी नीलामी हुई थी। इसके अलावा सरकार ने टेलिकॉम क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय समिति बनाने का निर्णय लिया है।