जन चेतना मंच के राजेश त्रिपाठी, सविता रावत एवं राजेश गुप्ता ने इस मुद्दे को उठाया
राजेश गुप्ता
रायगढ़ 11 मार्च 2021 (इंडिया रिपोर्टर लाइव)। छत्तीसगढ़ की रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक के सराईपाली गांव में विकास के नाम पर कई कंपनियां खोली गई पर जैसे-जैसे कंपनियां स्थापित होती गई वैसे-वैसे एक दो साल के अंदर ही इन कंपनियों ने अपना रूप दिखाना चालू कर दिया।
ग्राम सरायपाली के आसपास कई छोटीे-बड़ी कंपनियां खुली जिसमें गोल्डन ट्री फैक्ट्री एक कंपनी हैं, इस कंपनी में काम करने वाले मजदूरों की लगातार तबीयत खराब होती गई और लोग काम करना छोड़ते गए इनमें टीबी बीमारी के लक्षण दिखने लगे । डॉक्टरों से इलाज करवाने पर टीबी बताया गया और इसके लिए डॉट्स की दवा भी दी गई परंतु स्वास्थ्य ठीक नहीं हुआ वरन कईयों की मौत होती गई। सरायपाली में दर्जनों की संख्या में आदिवासी महिलाएं इस बीमारी से ग्रसित होकर मौत को गले लगा चुकी हैं ।
2014 में जब इस विषय की जानकारी लेना शुरू किया तब स्वास्थ्य विभाग हरकत में आई और जांच शुरू की परंतु कोई फायदा नहीं हुआ। 2015 में जन चेतना मंच एवं एमएमपी माइंस मिनरल्स एंड पीपुल की सहायता से सिलिकोसिस के विशेषज्ञ डॉक्टर मुरलीधरण ने ग्राम पंचायत सराईपाली मैं एक कैंप आयोजित कर 56 लोगों की जांच की और 22 लोगों का ही डिजिटल एक्सरे करवाया जा सका। इन 22 लोगों में डॉक्टर मुरलीधरन के द्वारा 9 लोगों को सिलिकोसिस पॉजिटिव बताया गया इसके बाद जिला कलेक्टर को कई बार आवेदन दिया गया।
श्रम एवं कल्याण मंडल रायगढ़ में भी कई बार आवेदन दिया गया जिससे श्रम एवं कल्याण मंडल रायगढ़ हरकत में आई और पीडि़तो का चेकअप कराया गया । जांच के बाद इन 9 लोगों में से चार लोगों को सिलिकोसिस पॉजिटिव पाया गया एवं उसी दौरान एक महिला की इसी बीमारी से मौत भी हो गई, इन चारों पीडि़तो को सरकार द्वारा 3-3 लाख का मुआवजा दिया गया । इसके अलावा छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में स्थित रेमिंग मास की कंपनियों की भी जांच की गई और छत्तीसगढ़ में चांपा में एक मरीज, रायपुर में 12 मरीजों को भी 3-3 लाख का मुआवजा सरकार द्वारा दिया जा चुका है।
वर्तमान में गोल्डन रिफैक्ट्री में काम करने वाले कई मजदूरों की तबीयत बिगड़ी हुई है और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का रायगढ़ आगमन 2 जनवरी 2021 को हुआ जिसमें जन चेतना मंच के राजेश त्रिपाठी, सविता रावत एवं राजेश गुप्ता द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया। जिसके बाद पुन: सराईपाली के सात मजदूरों को सिलिकोसिस जांच के लिए बुलाया गया जिसमें से 2 को सिलिकोसिस जिला मेडिकल कॉलेज द्वारा पाया गया जिसमें से एक शांति बाई साहू की मौत 2 फरवरी को हो गई है और जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार रायगढ़ में क्वाट्र्ज कंपनियों की जांच पड़ताल तथा उन कंपनियों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगाकर काम करने वाले मजदूरों की जांच की जा रही है।
पिछले दो दिनों में सरायपाली में स्थित दो कंपनी मां अंबे और साईं गणेश कंपनी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिलिकोसिस जांच के लिए कैंप लगाया गया था जिसमें मजदूरों की जांच की गई यह जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की एक अच्छी पहल है परंतु इसमें एक चीज समझ से परे है कि पूरी एक कंपनी को चलाने के लिए मात्र छह ही मजदूर या 12 मजदूर काम कर रहे हैं इससे संदेह उत्पन्न होता है कि कंपनियां गलत आंकड़े दे रही हैं।