इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 18 जून 2021। भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला 18 से 22 जून तक साउथैम्पटन के एजिस बाउल मैदान पर खेला जाना है। भारत की लिहाज से फाइनल मुकाबले में विराट कोहली के बल्ले का चलना काफी जरूरी है। विराट ने पिछले इंग्लैंड दौरे पर रनों का अंबार लगाया था ऐसे में टीम को अपने कप्तान से डब्ल्यूटीसी के फाइनल में भी काफी उम्मीदें होंगी। हालांकि, भारतीय कप्तान का बल्ला पिछले कुछ समय से क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में खामोश रहा है। नवंबर 2019 के बाद से विराट के बल्ले से एक भी शतकीय पारी नहीं निकली है।
2016 से लेकर 2018 के बीच में विराट अपने करियर की सबसे शानदार फॉर्म में रहे थे। कोहली ने इस दौरान 25 टेस्ट मैच में 3596 रन बनाए थे और उनका औसत 2016 में 75.33, 2017 में 75.64 और 2018 में 55.08 का रहा था। लेकिन, अगर विराट के साल 2019 से लेकर अबतक के प्रदर्शन की बात करें तो वह कोई बहुत खुश करने वाले नहीं रहा है। साल 2019 की शुरुआत से भारतीय कप्तान ने 14 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 1000 से भी कम रन बनाए हैं। कोहली के बल्ले से साल 2019 में 612 रन निकले थे, जबकि 2020 में 116 और इस साल वह 172 रन बना सके हैं। एक समय पर शतकों की झड़ी लगाने वाले विराट ने नवंबर 2019 के बाद से एक भी सेंचुरी नहीं लगाई है।
विदेशी धरती पर भी विराट साल 2020 की शुरुआत से कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में खेली 74 रनों की पारी को छोड़ दे तो कोहली ने बाकी पांच पारियों में 20 रनों का आंकड़ा भी पार नहीं किया है। साल 2020 के बाद से घर के बाहर विराट का टेस्ट में एवरेज भी 19.33 का रहा है। कोहली ने इस दौरान 6 पारियों में महज 116 रन बनाए हैं और उनके बल्ले से सिर्फ एक अर्धशतक निकला है। साफ है कि कोहली का रिकॉर्ड पिछले कुछ समय में टेस्ट क्रिकेट में खास नहीं रहा है। हालांकि, डब्ल्यूटीसी के फाइनल में भारतीय टीम विराट से एक बड़ी पारी की उम्मीद जरूर करेगी।