
16 साल का मोहम्मद रियाज ढाबे पर बर्तन धोने के लिए मजबूर था
राष्ट्रपति कोविंद ने साइकिलिंग चैंपियन को गिफ्ट की नई साइकिल
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली, 01 अगस्त 2020 दिल्ली के साइकिलिंग चैंपियन पर गरीबी ने 16 साल के मोहम्मद रियाज को ढाबे पर बर्तन धोने के लिए मजबूर कर दिया है। ढाबे में मजदूरी कर वो नई साइकिल खरीदना चाहता था. राष्ट्रपति कोविंद ने जब रियाज की फोटो अखबार में देखी तो भावुक हो गए. राष्ट्रपति ने इस होनहार को नई साइकिल गिफ्ट की है।
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करने के लिए बकरीद से एक दिन पहले शुक्रवार को साइकिलिंग के शौकीन एक स्कूली छात्र रियाज को राष्ट्रपति भवन में बुलाकर ईदी के तौर पर एक साइकिल भेंट की
इस दौरान राष्ट्रपति ने रियाज के अंतरराष्ट्रीय साइकिलिंग चैंपियन बनने और कड़ी मेहनत के माध्यम से अपने सपने को साकार करने की कामना भी की. देश के राष्ट्रपति से ईद से पहले गिफ्ट में साइकिल पाकर रियाज बेहद खुश और उत्साहित है. राष्ट्पति से मिला यह गिफ्ट रियाज के सपनों को नई उड़ान देगा।
रियाज साइकिल चलाने का शौकीन है-
रियाज दिल्ली के आनंद विहार स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय की नौवीं क्लास का छात्र है और मूलरूप से बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला है। रियाज के पिता एक कुक हैं और परिवार का खर्च चलाने में उनकी मदद करने के लिए वह अपने खाली समय में गाजियाबाद में एक ढाबे में बर्तन साफ करने का काम करता है. चूंकि वह साइकिल चलाने का शौकीन है, इसलिए इसके स्कूल के पीटीए टीचर इसे साइकिल ऑल स्कूल चैंपियनशिप के लिए असम लेकर गए थे जहां रियाज ने कई मैडल जीते थे।
रियाज पढ़ाई और काम के बाद खेल का अभ्यास करता है. रियाज के अनुसार, उसका परिवार उसे परिवारिक स्थिति के चलते साइकिलिंग छोड़ कोई और काम करने के लिए कहता है, लेकिन उसे साइकिल चलाना पसंद है और वो साइकिलिंग में मेडल जीतना चाहता है. एक अखबार में रियाज की कहानी छपने के बाद उसे राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया था।