
इंडिया रिपोर्टर लाइव
काबुल 27 अगस्त 2021। खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह ने शुक्रवार को तालिबान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट- खुरासान प्रांत (आईएस-के) के तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के साथ संबंध हैं। खासकर उनसे जो काबुल से अपना काम कर रहे हैं। सालेह ने इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह (आईएसआईएस) के साथ संबंधों से इनकार करने के लिए तालिबान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह क्वेटा शूरा पर पाकिस्तान के इनकार के जैसा ही है।
सालेह ने एक ट्वीट में कहा कि हमारे पास मौजूद हर सबूत से पता चलता है कि आईएस-के की जड़ें काबुल में सक्रिय तालिब और हक्कानी नेटवर्क में हैं। तालिबान का आईएसआईएस के साथ संबंधों से इनकार करना उसी तरह है जैसा पाकिस्तान का क्वेटा शूरा से इनकार करना। उन्होंने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि तालिबों ने अपने मास्टर से बहुत कुछ सीखा है।
पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए
इससे पहले सालेह ने पाकिस्तान को आतंकवादी कारखानों और एजेंसियों को पनाह देने का दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था कि यहीं से अफगानिस्तान में अराजकता पैदा करने के लिए तालिबान को विस्फोटक और हथियार मुहैया कराए गए। उन्होंने कहा कि क्वेटा शूरा अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए पाकिस्तानी सेना के दूसरे रूप के अलावा और कुछ नहीं है।
हताहतों के आंकड़े स्पष्ट नहीं
- अफगानिस्तान में काबुल हवाईअड्डे के बाहर गुरुवार को हुए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने ली है। अपनी अमाक न्यूज एजेंसी पर साझा किए गए एक संदेश में समूह ने दावा किया है कि विस्फोटों में मारे गए और घायल लोगों की संख्या करीब 160 है। संदेश में एक व्यक्ति की तस्वीर भी शामिल है, जो यह कहते हुए दिखाई दे रहा है कि वह एक आत्मघाती हमलावर है।
- वहीं, अफगान स्वास्थ्य अधिकारियों ने राजधानी काबुल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मौतों के अलग-अलग आंकड़े बताए। इसमें मरने वालों का आंकड़ा 30 से 60 के बीच और घायलों का आंकड़ा 120 से 140 के बीच बताया गया। वहीं, तालिबान के प्रवक्ता ने कम से कम 13 नागरिकों के मारे जाने और 60 लोगों के घायल होने का दावा किया था।
बाइडन ने आईएस-के पर हमला बोला
पहला धमाका काबुल हवाईअड्डे के ऐबी गेट पर हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट बैरन होटल के पास हुआ। मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अमेरिका के पास यह मानने की कई वजह है कि काबुल हवाईअड्डे पर हुए हमलों के पीछे इस्लामिक स्टेट- खुरासान आतंकवादी समूह है। उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट- खुरासान ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के दौरान जेलों से रिहा होने के बाद अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के खिलाफ हमलों की योजना बनाई है।