इंडिया रिपोर्टर लाइव
इंदौर 03 फरवरी 2022। विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के मप्र प्रभारी पी. मुरलीधर राव फिर से सुर्खियों में आए हैं। अबकी बार उन्होंने पत्रकारों को लेकर टिप्पणी की है। कहा है कि पत्रकारों से शादी जैसा रिश्ता है और दोनों रिश्ते में एक जैसी परेशानी है। हमें पत्रकार भी चाहिए मगर उनसे परेशानी भी मिलती है। दरअसल अपने बयानों के चलते भाजपा प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव आलोचना का शिकार होते रहे हैं। कभी ब्राह्मण-बनियो के संबंध में बयान देते हैं तो कभी अपनी ही पार्टी के नेताओं को नालायक कहने से नहीं चूकते। बुधवार को मुरलीधर राव सांवेर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे। वे बूथ विस्तार सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे और इसी दौरान मीडिया को लेकर विवादित बातें कर बैठे। मुरलीधर राव ने पत्रकारों के साथ खुद के रिश्ते को शादी के लड्डू जैसा बताया। कहा कि हमें अखबार वाले चाहिए भी। उनके बिना जीवन नहीं चलता। छुट्टी भी नहीं ले सकते उनके बिना। उनसे शादी जैसा रिश्ता है और दोनों रिश्तों में एक जैसी परेशानी। हमें पत्रकार भी चाहिए, लेकिन उनसे परेशानी भी मिलती है। इतना ही नहीं इसी कार्यक्रम में मुरलीधर राव ने कहा कि बूथ में जितनी जाति है, वो सब कमेटी में होना चाहिए। कोई जाति हमारी पार्टी में नहीं छूटना चाहिए। इस गांव के किसी भी बूथ में जितनी भी जाति के लोग हैं, वो सभी कमेटी में होना चाहिए। इसे लेकर कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने तंज कसा और कहा कि भाजपा की बूथ समिति योग्यता के आधार पर नहीं जाति के आधार पर बनेगी। भाजपा कहती क्या है और करती क्या है।
विवादित बोलों से रहा है राव का नाता
गौरतलब है कि भाजपा प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव ने भोपाल में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि ब्राह्मण और बनिया समाज के लोग मेरी जेब में रहते हैं। एक जेब में ब्राह्मण और दूसरी जेब में बनिया रहता है। इस पर खूब विवाद हुआ था। कांग्रेस ने इसे ब्राह्मण और बनियों का अपमान बताया था। विरोध भी हुआ था और पुतले जलाए गए थे। बाद में राव ने माफी मांगी थी। इसके अलावा पार्टी से नाखुश विधायक-सांसदों को सख्त लहजे में नसीहत देने में भी मुरलीधर राव पीछे नहीं रहे। कहा था कि लगातार 4 बार, 5 बार सांसद, विधायक बनना, लगातार प्रतिनिधित्व करना, यह जनता का दिया हुआ वरदान होता है। इसके बाद रोने के लिए कुछ नहीं होना चाहिए। ऐसे नेता अगर कहें कि उन्हें मौका नहीं मिला तो उनसे बड़ा नालायक कोई नहीं, उन्हें मौका मिलना भी नहीं चाहिए।