
इंडिया रिपोर्टर लाइव
छपरा 01 नवंबर 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छपरा रैली के दौरान विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज बिहार के सामने, डबल इंजन की सरकार है, तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज भी हैं। डबल इंजन वाली एनडीए सरकार, बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, तो ये डबल-डबल युवराज अपने-अपने सिंहासन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। ये डबल युवराज, बिहार के लिए नहीं सोच सकते, बिहार की जनता के लिए नहीं सोच सकते।
उन्होंने कहा कि 3-4 साल पहले यूपी के चुनाव में भी डबल-डबल युवराज बस के ऊपर चढ़कर लोगों के सामने हाथ हिला रहे थे। यूपी की जनता ने वहां उन्हें घर लौटा दिया था। वहां के एक युवराज अब जंगलराज के युवराज से मिल गये हैं। यूपी में जो डबल-डबल युवराज का हुआ, वो ही बिहार में होगा। आज बिहार की महिलाएं, यहां की बेटियां, यहां के लोग NDA के विरोधियों से यही कह रहे हैं। एनडीए के वोट ना देब त का तोहरे के देब?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छपरा रैली की खास बातें –
1. कोरोना के काल में किसी मां को ये चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसे मनाएंगे। अरे मेरी मां! आपने अपने बेटे को दिल्ली मैं बैठाया है, तो क्या वो छठ की चिंता नहीं करेगा! मां! तुम छठ की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा।
2. दुनिया में आज कोई ऐसा नहीं है, जिसे कोरोना ने प्रभावित न किया हो, जिसका इस महामारी ने नुकसान न किया हो। एनडीए की सरकार ने कोरोना की शुरुआत से ही प्रयास किया है कि वो इस संकटकाल में देश के गरीब, बिहार के गरीब के साथ खड़ी रहे। आज आत्मनिर्भर बिहार के जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उसकी प्रेरणा और प्रोत्साहन सुशासन है, बिहार का बेहतर होता इंफ्रास्ट्रक्चर है।
3. जिसकी नजर हमेशा गरीब के पैसों पर हो, उसे कभी गरीब का दुख, उनकी तकलीफ दिखाई नहीं देगी। वहीं भाजपा के नेतृत्व में, एनडीए का हमारा गठबंधन देश के गरीब के जीवन से, बिहार के गरीब के जीवन से मुश्किलें कम कर रहा है।
4. वो अब मुझे भी गाली देने लगे हैं। ठीक है, मुझे गाली दे दीजिए, जो मन आए बोलिए लेकिन अपना गुस्सा बिहार के लोगों पर तो मत उतारिए। भाजपा के लिए, एनडीए के लिए आपका ये प्रेम कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा। उनकी हताशा-निराशा, उनकी बौखलाहट, उनका गुस्सा अब बिहार की जनता बराबर देख रही है।
5. पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव सभाएं हमने पहले भी देखी हैं, चुनाव में कितनी भी गर्मी आई हो, चुनाव कितना भी नजदीक क्यों न आ गया हो। तो भी सुबह 10 बजे से पहले इतनी बड़ी विशाल रैली कभी संभव नहीं होती।
6. पहले चरण के मतदान से साफ नजर आ रहा है कि नीतीश बाबू के नेतृत्व में एनडीए की सरकार दोबारा बन रही है। पहले चरण के मतदान में आपने एनडीए को जो भारी समर्थन के संकेत दिए हैं और जिन्होंने भी मतदान किया है, उनका में अभिनंदन करता हूं।
7. जब छठी मईया की पूजा के दौरान, गंगाजी के किनारे हजारों-हजार महिलाओं की भीड़ जुटती है, तो उनकी सबसे बड़ी जरूरत होती है, साफ गंगा जी का पानी, स्वच्छता। गंगा जी के पानी को स्वच्छ करने के लिए बीते वर्षों में जो प्रयास हुए हैं, उसका असर आप भी देख रहे हैं।
8. आज बिहार के गांव सड़क, बिजली, पानी जैसी मूल सुविधाओं से कनेक्ट हो रहे हैं। अगर नीयत होती, इच्छाशक्ति होती, तो ये काम डेढ़ दशक पहले भी हो सकते थे। आज के नौजवान को खुद से पूछना चाहिए कि बड़ी-बड़ी परियोजनाएं जो बिहार के लिए इतनी जरूरी थीं, वो बरसों तक क्यों अटकीं रहीं? बिहार के पास सामर्थ्य तब भी भरपूर था। सरकारों के पास पैसा तब भी पर्याप्त था। फर्क सिर्फ इतना था कि तब बिहार में जंगलराज था।
9. पुल बनाने के लिए कौन काम करेगा जब इंजीनियर सुरक्षित नहीं हो? कौन सड़क बनाएगा जब ठेकेदार की जान चौबीसों घंटे खतरे में हो। किसी कंपनी को अगर कोई काम मिलता भी था, तो वो यहां काम शुरु करने से पहले सौ बार सोचती थी। ये है जंगलराज के दिनों की सच्चाई, ये है जंगलराज के प्रतीकों की सच्चाई।
10. बिहार के नौजवान याद करें कि बचपन में उनकी मां क्या कहा करती थीं-वो कहती थीं- घर के भीतर ही रहो, बाहर मत निकलना, बाहर ‘लकड़सुंघवा’ घूम रहा है। बच्चों की माताएं उन्हें लकड़सुंघवा से क्यों डराती थीं? उन्हें डर था अपहरण करने वालों से, किडनैपिंग करने वालों से।