इंडिया रिपोर्टर लाइव
लखनऊ 14 फरवरी 2022। उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में जिन 55 सीटों पर मतदान हो रहा है, उसमें मुस्लिम वोट काफी अहम है। दूसरे चरण में नौ जिलों में वोट डाले जा रहे हैं। सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, बदायूं, रामपुर, बरेली औऱ शाहजहांपुर की ये 55 सीटें सभी दलों के लिए काफी मायने रखती हैं। इन नौ जिलों में से अगर बदायूं और शाहजहांपुर को छोड़ दें तो बाकी जिलों में 35 से 50 फीसदी तक मुस्लम आबादी है। ऐसे में भाजपा को अगर उम्मीद है तो मुस्लिम महिलाओं से है।
भाजपा को मुस्लिम महिलाओं के वोट की आस
भाजपा दावा करती रही है कि राज्य में पांच साल के शासनकाल में उसने कानून व्यवस्था में सुधार किए हैं। इसके अलावा किसानों को गन्ने का भुगतान तेजी से हो रहा है। दूसरी ओर चुनाव से पहले तालिबान का नाम लेकर भी काफी सियासत की गई। सहारनपुर में एक एंटी टेररिजम स्क्वाड का भी ऐलान कर दिया गया था। वहीं भाजपा ने मुस्लिम महिलाओं को भी प्रभावित करने की पूरी कोशिश की। तीन तलाक के खिलाफ कानून को लेकर यह बताने की कोशिश की गई कि भाजपा सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाया है। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोटों में बिखराव की आस है।
अखिलेश ने अपना सेफ रास्ता
सहारनपु में प्रधानमंत्री मोदी की रैली में बार बार इस बात का जिक्र किया गया। वहीं अखिलेश यादव ने इस बार दूसरा रास्ता चुना है। उन्होंने मुसलमानों को लेकर कोई बयान नहीं दिया। उन्होंने सहारनपुर में छोटे उद्योगों और शिल्पकारों को बढ़ावा देने की बात जरूर कही थी।
2017 में क्या हुआ था?
पिछले विधानसभा चुनाव में इन 55 सीटों में से 33 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। वहीं सपा को 15 औऱ कांग्रेस को दो सीटों पर ही जीत मिली। कुल मिलाकर विपक्षी गठबंधन को 17 सीटें मिलीं जिसमें से जीतने वाले 11 मुस्लिम उम्मीदवार थे। इसको देखते हुए इस बार सपा-आरएलडी गठबंधन ने भी ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं।
दूसरे चरण में जिन जिलों में चुनाव हो रहा है उनमें दो जिले ऐसे हैं जिसमें आधी से अधिक मुस्लिम आबादी है। मुरादाबाद में कुल 50.80 फीसदी मुस्लिम हैं तो वहीं रामपुर में 50.57 फीसदी मुसलमान हैं। इसके अलावा सहारनपुर में 41 तो बिजनौर में 43 फीसदी मुस्लिम आबादी है। अमरोहा में भी 40 प्रतिशत मुसलमान हैं। इन जिलों में जो भी पार्टी बढ़त हासिल करेगी उसके लिए आगे का मुकाबला थोड़ा आसान हो सकता है।