
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 13 मार्च 2022। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त झेलने वाली कांग्रेस पार्टी के अंदर काफी हलचल मची हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘जी-23’ नेताओं ने हाल ही में पांच राज्यों में संपन्न चुनावों में हार के लिए गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच कांग्रेस के एक बड़े नेता को केरल में विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल की। कन्नूर के श्रीकंदपुरम में पार्टी कार्यालय के पास कई पोस्टर सामने आए हैं, जिसमें लिखा है, “कांग्रेस को बचाओ: पांच राज्यों से कांग्रेस के सफाये के लिये वेणुगोपाल का शुक्रिया। वायनाड के सांसद राहुल गांधी के करीबी सहयोगी वेणुगोपाल कन्नूर के रहने वाले हैं। पोस्टरों में लिखा है, ‘चुनावी हार की जिम्मेदारी कुछ अस्वीकार्य लोगों के कंधों पर डालने की प्रवृत्ति’ चल रही है।
केंद्रीय नेतृत्व का बचाव करते हुए, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ने उन लोगों पर हमला किया है जिन्होंने आलाकमान को निशाना बनाया और सामूहिक जवाबदेही की बात कही। पुरानी पार्टी में बढ़ते असंतोष के बीच केपीसीसी प्रमुख के सुधाकरन ने कहा कि चुनावी हार की जिम्मेदारी कुछ लोगों के कंधों पर डालने की प्रवृत्ति ‘अस्वीकार्य’ है।
केपीसीसी प्रमुख ने यहां एक बयान में कहा, “सोनिया, राहुल, प्रियंका और वेणुगोपाल सहित नेताओं ने पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस की जीत के लिए अथक प्रयास किया था। कुछ लोगों के कंधों पर असफलताओं की जिम्मेदारी डालने की प्रवृत्ति अस्वीकार्य है। सफलताओं और असफलताओं के लिए सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।” सुधाकरन ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों में लिप्त कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने पांच राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन को ‘चौंकाने वाला’ बताया। हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव में मिली हार का आत्मनिरीक्षण करेगी और मौजूदा स्थिति से उबरेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, जो समूह 23 का हिस्सा हैं, ने विधानसभा और संसदीय चुनावों में पार्टी की लगातार हार पर चिंता जताई है।
गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई बैठक में शामिल सूत्रों ने कहा कि कुछ नेताओं ने सुझाव दिया कि उन्हें आगामी कांग्रेस कार्यसमिति को छोड़ देना चाहिए क्योंकि बैठक में सीएम, युवा कांग्रेस के नेता और फ्रंटल संगठनों के अध्यक्ष केवल गांधी परिवार की प्रशंसा करते हैं और किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा नहीं करते हैं।