इंडिया रिपोर्टर लाइव
गुवाहटी 01 मई 2022। असम के बारपेटा की अदालत ने गुजरात के कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को जमानत देते हुए कहा कि पुलिस ने विधायक को फंसाने के लिए झूठा और मनगढ़ंत केस बनाया था। इतने संघर्ष से हासिल लोकतंत्र को पुलिस राज्य में बदलने की सोच भी अकल्पनीय है।
कोर्ट ने शुक्रवार को महिला कांस्टेबल पर कथित हमले के मामले में जमानत देते हुए कहा, पुलिस लोगों को फंसाने में अव्वल होती जा रही है, हाईकोर्ट को पुलिस की कार्यप्रणाली को संज्ञान में लेना चाहिए। बारपेटा जिला एवं सत्र न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने राज्य में चल रही पुलिस ज्यादतियों का हवाला देते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट से पुलिस बल को खुद में सुधार करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
कोर्ट ने कहा कि एफआईआर के विपरीत, महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने एक अलग कहानी बताई है। महिला की गवाही को देखते हुए प्रतीत होता है कि मेवाणी को लंबे समय तक हिरासत में रखने के उद्देश्य से तत्काल झूठा केस बनाया गया। मेवाणी को जेल में भेजने के लिए, अदालत की प्रक्रिया और कानून का दुरुपयोग किया गया है।दरअसल, कोकराझार की एक अदालत ने मेवाणी को पीएम के खिलाफ ट्वीट मामले में सोमवार को जमानत दे दी थी। हालांकि, जमानत मिलते ही असम पुलिस ने दूसरा फर्जी केस बनाकर उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया। इस बार उन पर महिला पुलिस पर हमले का झूठा आरोप लगाया।