
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 01 मई 2022। कार्यभार संभालने के एक दिन बाद सेना प्रमुख ने मीडिया के सामने सेना के आधुनिकीकरण और भविष्य की रणनीति को लेकर चर्चा की। जनरल पांडे सेना प्रमुख नियुक्त होने वाले इंजीनियर कोर के पहले अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, “मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता संघर्ष के पूरे स्पेक्ट्रम में वर्तमान, समकालीन और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए परिचालन तैयारियों के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना होगा।” उन्होंने कहा, “क्षमता विकास और बल आधुनिकीकरण के संदर्भ में मेरा प्रयास स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की प्रक्रिया के माध्यम से नई तकनीकों का लाभ उठाने का होगा। नए सेना प्रमुख ने कहा, “यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे भारतीय सेना का नेतृत्व दिया गया है। भारतीय सेना का एक गौरवशाली अतीत था जिसने राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखा। उसी तरह इसने राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया। जनरल पांडे ने कहा, “भारतीय सेना के सभी अधिकारियों को इसके विभिन्न हथियारों और सेवाओं से करियर और पेशेवर विकास के लिए समान अवसर मिलते हैं। वरिष्ठ नेतृत्व के पदों पर सभी अधिकारी युद्ध के सभी पहलुओं पर प्रशिक्षित और उन्मुख होते हैं।
नए सेना प्रमुख ने जनरल मनोज मुकुंद नरवने से पदभार ग्रहण किया, जिन्होंने चार दशक की सैन्य सेवा के बाद अपने जूते उतार दिए। जनरल पांडे दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे। नियमों के अनुसार सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन वर्ष या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक होता है। सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले जनरल को फरवरी में उप प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था, जो लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती के उत्तराधिकारी थे।
हमारे सामने कई चुनौतियां हैं: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है, और हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, भारतीय सेना का कर्तव्य है कि वह सभी सहयोगी सेवाओं के साथ समन्वय में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहे। मेरा प्रयास रहेगा कि मेरे पूर्ववर्तियों के कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके।
थल सेना का नेतृत्व मेरे लिए गर्व की बात: जनरल मनोज पांडे
सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि मेरे लिए ये गर्व की बात है कि मुझे थल सेना के नेतृत्व का दायित्व सौंपा जा रहा है जिसे मैं पूरी विनम्रता से स्वीकार करता हूं। भारतीय सेना का एक गौरवशाली इतिहास रहा है जिसने देश की सुरक्षा और अखंडता को कायम रखने के कार्य में बखूबी काम किया है।