नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा। राज्यसभा की कार्यवाही जेएनयू और कश्मीर के मुद्दे पर हंगामे के बाद स्थगित हुई। वहीं लोकसभा में कांग्रेस ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने पर विरोध जताया। उधर, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन के मार्शलों की नई वर्दी की समीक्षा के आदेश दिए। वहीं संसद में आज इसरो चीफ के सिवन और एनएस अजित डोभाल नजर आए।
पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद क्या जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है, इस सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा- हां, राज्य में पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई हैं।
गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के खिलाफ हंगामा
गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के विरोध में कांग्रेस सदस्यों ने मंगलवार को लोकसभा में हंगामा किया। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। इसके बाद डीएमके के सदस्य भी कांग्रेस के समर्थन में आसन के समीप पहुंच कर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस और डीएमके के सदस्यों ने ‘बदले की राजनीति बंद करो’, ‘एसपीजी के साथ राजनीति करना बंद करो’ और ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाए।
लोकसभा में बसपा के कुंवर दानिश अली ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस द्वारा कथित तौर पर बल प्रयोग करने का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी भी आसन के समीप खड़े हुए दिखाई दिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में शोरगुल के बीच प्रश्नकाल आरंभ किया जिसकी शुरुआत किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने संबंधी प्रश्नों से हुई। बिरला ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए कहा कि किसानों के विषय पर चर्चा हो रही है और ऐसे में सदन में हंगामा अच्छी परंपरा नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष की अपील के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा। नारेबाजी के बीच ही बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।
जेएनयू, जम्मू कश्मीर मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा
विरोध प्रदर्शन कर रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई और जम्मू कश्मीर में लगातार पाबंदियों को लेकर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए।
इसी बीच वाम, कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्यों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि का विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर कल हुई पुलिस की कथित कार्रवाई और पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से वहां लगातार जारी पाबंदियों का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। नायडू ने कहा कि उन्हें सदस्यों के पास से तीन कार्य स्थगन नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने वे तीनों नोटिस स्वीकार नहीं किये। सदन में हंगामा देख नायडू ने सदस्यों को आगाह किया कि यह स्थिति जारी रहने पर उन्हें सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ेगी।
नोबेल पुरस्कार के लिए चुने जाने पर अभिजीत बनर्जी को दी गई बधाई
अर्थशास्त्र के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के लिए चुने जाने पर अभिजीत बनर्जी को मंगलवार को राज्यसभा में बधाई दी गई। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने अभिजीत बनर्जी की इस उपलब्धि का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए नवोन्मेषी प्रयासों की खातिर बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और मिशेल क्रेमर को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। नायडू ने कहा कि बनर्जी का इस सम्मान के लिए चुना जाना भारत के लिए बहुत ही गर्व की बात है।
प्रदूषण पर बहस
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने प्रदूषण को लेकर 300 करोड़ का बजट रखा है। 300 करोड़ में इस देश की हवा साफ नहीं होने वाली। सरकार इसपर एक एक्शन प्लान संसद में रखे ताकि उसकी गंभीरता का पता चले। मैं विनती करना चाहता हूं कि ये मुद्दा बहुत गंभीर है, सदन की एक स्थायी समिति बननी चाहिए।
दिल्ली के प्रदूषण को लेकर कहा जाता है कि आसपास से राज्यों में पराली जलाई जाती है उससे प्रदूषण बढ़ता है। पराली जलाना गलत है, लेकिन उससे जुड़ी कुछ आर्थिक सच्चाई भी है, उसपर सरकार को काम करना जरूरी है। छोटे किसानों को आर्थिक मदद देना जरूरी है। दिल्ली में 41 फीसदी प्रदूषण गाड़ियों से होता है, 16 फीसदी इंडस्ट्री से होता है। 6 फीसदी थर्मल पावर प्लाट और ब्रिक प्लांट से जबकि सॉलिट वेस्ट से 3.9 फीसदी प्रदूषण होता है।
भाजपा सांसद का केजरीवाल पर निशाना
दिल्ली से सांसद परवेश सिंह ने कहा – दिल्ली सरकार ने पिछले पांच साल में एक भी बस नहीं खरीदी। वह बजट का पैसा अपने विज्ञापनों पर खर्च करती रही। परिवहन व्यवस्था सरकार ठीक नहीं कर पाई। मजबूरन लोगों ने टू व्हीलर खरीदे। दिल्ली में सभी सड़कों पर जाम लगा रहता है। दिल्ली के सीएम अपनी पहल पर एक भी सड़क निर्माण नहीं कर पाए। शीला दीक्षित जी की सरकार ने जो सड़क, फ्लाईओवर बनाई थी, आज की सरकार उन्हें भी पूरा नहीं करवा पाई। एक भी सड़क बनाई हो तो बता दें। दिल्ली भारत की राजधानी है। मैंने शीला जी के दो अच्छे काम बता दिए उसमें भी कांग्रेस को दिक्कत है तो बहुत शर्म की बात है। आम आदमी पार्टी का सांसद भगवंत मान आज संसद में नहीं हैं तो ये भी शर्म की बात है। पंजाब में उन इलाकों में पराली जलाई जा रही है जहां 24 में से 19 विधायक आप के चुनकर आए हैं। और ये दिल्ली में जनता के पैसों से विज्ञापन कर रहे हैं। ये प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।