
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 21 अप्रैल 2023। राजधानी दिल्ली की कोर्ट भी अब सुरक्षित नहीं है। शुक्रवार सुबह साकेत कोर्ट में सनसनीखेज वारदात सामने आई है। साकेत कोर्ट में सुबह एक महिला को गोली मार दी गई। महिला को गवाही के लिए कोर्ट लाया गया था। एनएससी थाना अध्यक्ष ने महिला को अपनी गाड़ी से अस्पताल में भर्ती कराया है। घटना के बाद दिल्ली पुलिस में हड़कंप मच गया है। सूचना के बाद सारे वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि महिला को एक के बाद एक चार गोली मारी गई हैं। महिला की पहचान एम राधा के रूप में हुई है, जिनकी उम्र 40 से अधिक बताई जा रही है। घायलवस्था में महिला को मैक्स साकेत अस्पताल ले जाया गया। प्रत्यक्षदर्शी रणजीत सिंह दलाल के अनुसार कुल 4-5 राउंड फायरिंग की गई। आरोपित व्यक्ति सस्पेंडेड वकील है, गोली मारने के बाद वह कैंटीन के बैक एंट्री के रास्ते फरार हो गया।
दूसरों के काम में अड़ंगा डालने के बजाय अपने काम पर ध्यान दें, नहीं संभल रहा तो इस्तीफा दे दें- दिल्ली कोर्ट फायरिंग पर बोले सीएम केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को साकेत कोर्ट परिसर में एक महिला को गोली मारने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था की स्थिति की आलोचना की। दरअसल, केजरीवाल ने ट्वीट कर एलजी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह बिगड़ चुकी है। दूसरों के काम में अड़ंगा डालने और हर मुद्दे पर गंदी राजनीति करने के बजाय सभी को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए और अगर नहीं संभल पा रहे हैं तो इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि। लोगों की सुरक्षा को जोखिम में नहीं छोड़ा जा सकता है।
बता दें कि फायरिंग शुक्रवार सुबह कोर्ट परिसर में वकीलों के ब्लॉक में हुई। सूत्रों के मुताबिक आरोपी की पहचान हिस्ट्रीशीटर के रूप में हुई है, उसने महिला पर तीन से चार राउंड फायरिंग की। उसके पेट में गोली लगी थी और उसे एम्स ले जाया गया था। पुलिस ने बताया कि फिलहाल उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।
घटना के मद्देनजर, वकीलों ने राजधानी शहर के अदालत परिसरों में सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है। उत्तरी दिल्ली लॉयर्स एसोसिएशन के महासचिव अधिवक्ता विनीत जिंदल ने एक बयान में कहा कि जिला अदालतों में सुरक्षा में चूक वादियों और अधिवक्ताओं के लिए बड़ी चिंता का विषय है। “दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सुरक्षा चूक पर ध्यान दिया है और दिल्ली पुलिस को निर्देश जारी किया था, लेकिन सुरक्षा छलांग और मुद्दे अभी भी समान हैं। दिल्ली की अदालतों को अद्यतन गैजेट के साथ एक प्रत्यायोजित सुरक्षा इकाई की आवश्यकता है, तभी हम सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और वादकारियों को न्यायिक प्रक्रिया के दौरान अपनी सुरक्षा पर पूरा भरोसा हो और उनकी सुरक्षा की गारंटी हो। दिल्ली की अदालतों में बार-बार गोलीबारी की घटनाएं शामिल सभी लोगों के लिए खतरनाक हैं,उन्होंने कहा, इस तरह की जानलेवा घटनाओं का न्यायिक प्रणाली पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है।