
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 04 दिसंबर 2022। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने तीन दिसंबर, 2022 को हैदराबाद में आकाश वेपन सिस्टम (भारतीय सेना संस्करण) के सीलबंद विवरण रखने वाले प्राधिकरण को मिसाइल सिस्टम क्वालिटी एश्योरेंस एजेंसी को सौंप दिया। अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला जिसने एक नोडल एजेंसी के रूप में, आकाश हथियार प्रणाली को डिजाइन और विकसित किया है। एएचएसपी हस्तांतरण के हिस्से के रूप में प्रोजेक्ट आकाश द्वारा तकनीकी विनिर्देश, गुणवत्ता दस्तावेज तथा पूर्ण हथियार प्रणाली तत्वों की ड्राइंग को सील कर दिया गया और एमएसक्यूएए को सौंप दिया गया।
डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएचएसपी हस्तांतरण को एक ऐतिहासिक घटना करार देते हुए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने प्रोजेक्ट आकाश टीम को मिसाइल क्लस्टर से एमएसक्यूएए में मिसाइल और मल्टीपल ग्राउंड सिस्टम वाली ऐसी जटिल प्रणाली के लिए पहले एएचएसपी हस्तांतरण के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, स्थानांतरण प्रक्रिया भविष्य की मिसाइल प्रणालियों के लिए रोडमैप को सक्षम करेगी, जो कि उत्पादन के अधीन हैं।
एक दशक से सेवा दे रही है आकाश मिसाइल प्रणाली
आकाश पहली अत्याधुनिक स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जो लगभग एक दशक से सशस्त्र बलों के साथ भारतीय आसमान की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान कर रही है। इसे भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना द्वारा 30,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मूल्य के साथ शामिल किया गया है, जो स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के लिए सबसे बड़े एकल सिस्टम ऑर्डर में से एक है।