
इंडिया रिपोर्टर लाइव
उज्जैन 21 फरवरी 2022। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत सोमवार तड़के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। वे महाकाल की भस्मारती में शामिल हुए। मंदिर प्रबंधन समिति से मंदिर को लेकर चर्चा की। संघ प्रमुख के भस्मारती दर्शन की वजह से अन्य भक्तों की भस्मारती की अनुमति निरस्त कर दी गई। इस कारण हंगामा भी हुआ और लोगों का गुस्सा मंदिर प्रबंधन पर फूटा।
जानकारी के मुताबिक संघ प्रमुख भागवत सोमवार तड़के 4 बजे महाकाल मंदिर पहुंचे। उन्होंने गर्भगृह में प्रवेश कर महाकाल का जलाभिषेक व पंचामृत अभिषेक किया। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्मारती में शामिल हुए। भगवान का शृंगार उतरने के बाद संघ प्रमुख ने फिर से महाकाल का अभिषेक किया। पूजन के बाद नंदी हॉल में मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से संघ प्रमुख का स्वागत किया गया। करीब छह बजे तक संघ प्रमुख मंदिर में रुके रहे और मंदिर प्रबंधन समिति से प्रस्तावित कॉरिडोर पर चर्चा की। इसके बाद संघ प्रमुख आराधना भवन पहुंचे, जहां संघ के स्वयंसेवकों की बैठक में भाग लिया। संघ प्रमुख के महाकाल दर्शन के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। रविवार देर रात से ही व्यवस्थाओं में बदलाव किया गया और महाकाल मंदिर छावनी में तब्दील कर दिया गया।
भस्मारती काउंटर पर हुआ हंगामा
सोमवार की भस्मारती के दौरान काउंटर पर हंगामे की स्थिति बन गई। भस्मारती की अनुमति लेने काउंटर पर पहुंचे श्रद्धालुओं को पता लगा कि उनकी अनुमति निरस्त हो गई है तो वे बिफर गए। हंगामा करने लगे। उनका कहना था कि अगर अनुमित नहीं देनी थी तो सुबह से कतार में क्यों खड़ा किया। रुपये भी ले लिए और अनुमति भी नहीं दे रहे। कुछ भक्तों ने कहा कि हमसे ये कहा गया कि आतंकी हमले का खतरा है जिस कारण अनुमति निरस्त की गई है। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक आरके तिवारी का कहना है कि वीआईपी मूवमेंट की वजह से कम अनुमति जारी की गई है।

पहली बार उज्जैन आए स्वामी गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज
संघ प्रमुख भागवत से मिलने के लिए भारत में इस्कॉन प्रबंधन के प्रमुख स्वामी गोपाल कृष्ण गोस्वामीजी महाराज भी उज्जैन आए हैं। वे पहली बार उज्जैन पहुंचे हैं। उनके साथ इस्कॉन भारत के वाइस चेयरमैन बासु घोष प्रभु भी हैं। इस्कॉन मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास के अनुसार गोपाल कृष्ण गोस्वामी विश्व के अनेक मंदिरों की गवर्निंग बॉडी के कमिश्नर हैं। विश्व के सबसे बड़े प्रकाशन भक्ति वेदांता बुक ट्रस्ट के ट्रस्टी तथा अध्यक्ष भी हैं। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीजी की अध्यक्षता में 800 किलो वजनी और ढाई मीटर लंबी श्रीमद् भागवत गीता का लोकार्पण किया था। इस वर्ष इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्री प्रभुपादजी की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। इस उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री ने प्रभुपादजी पर आधारित रजत सिक्के का अनावरण भी किया। सोमवार शाम को संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत व गोपाल कृष्ण गोस्वामीजी महाराज की भेंट होगी। वाइस चेयरमैन बासु घोष प्रभु तथा इस्कान मंदिर का प्रतिनिधि मंडल भी मौजूद रहेगा।