संसद के मानसून सत्र के दौरान 22 जुलाई से किसानों ने संसद घेराव का किया हुआ है आह्वान
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 18 जुलाई 2021। तीनों कृषि बिलों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच 22 जुलाई को किसानों ने संसद घेराव का आह्वान किया हुआ है। किसानों के मूड को देखते हुए दिल्ली पुलिस अधिकारियों की चिंताएं बढ़ी हुई है। पुलिस को ओर से किसानों को मनाने के प्रयास भी शुरू हो गए हैं। रविवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम किसानों के साथ बैठक कर घेराव को टालने का प्रयास करेगी। दरअसल दिल्ली पुलिस चाहती है कि किसान संसद के बाहर प्रदर्शन करने के बजाए अपना प्रदर्शन कहीं और कर लें। इसके लिए किसानों को मनाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि फिलहाल वह अपने रुख पर कायम है। देशभर के करीब 22 राज्यों से 200 किसान 22 मार्च से 13 अगस्त के बीच रोजाना मार्च कर संसद का घेराव करेंगे। किसान मोर्चा का कहना है कि उनको देशभर से इसका समर्थन मिल रहा है।
पिछले करीब आठ माह से किसान टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बार्डर पर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान बिना किसी शर्त के कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं। अब पिछले दिनों किसानों ने ऐलान किया था कि देशभर के करीब 22 राज्यों से किसान संसद घेराव के लिए दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचेंगे। इसके बाद रोजाना करीब 200 किसान इकट्ठा होकर पहले संसद की ओर कूच करेंगे और बाद में संसद के बाहर विरोध जताकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि इसके लिए उनको देशभर के किसान संघों से खूब समर्थन भी मिल रहा है। किसान मोर्चा के अनुसार 26 जुलाई और 9 अगस्त को विशेष मार्च निकाला जाएगा। इसमें नॉर्थ-ईस्ट राज्यों के किसान भी हिस्सा लेंगे। मार्च और घेराव को पूरी तरह शांतिपूर्वक करने के लिए कहा गया है।
दिल्ली पुलिस रविवार को किसानों के साथ बैठक कर उनको मनाने का प्रयास करेगी। मामले पर भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि पहले से तय कार्यक्रम के तहत की संसद का घेराव किया जाएगा।