
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 17 जनवरी 2023। महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए भारतीय सेना कमांड भूमिकाओं के लिए पहली बार 30 महिला अधिकारियों को नियुक्त करने जा रही है। भारतीय सेना 1992 से 2005 तक के बैच सहित महिला अधिकारियों के लिए चुनिंदा कर्नल रैंक की 108 रिक्तियों के लिए पदोन्नति बोर्ड गठित कर रही है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि 30 महिला अधिकारियों की प्रारंभिक सूची को कोर ऑफ इंजीनियर्स, सिग्नल, आयुध और इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरों सहित विभिन्न आर्म्स और सेवाओं से मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित सूचियां सामने आएंगी, जिन्हें संकलित कर परिणाम घोषित किए जाएंगे। बोर्डों से पास होनेवाली महिला अधिकारियों को कमान की भूमिका दी जाएगी और उन्हें भविष्य में बल में उच्च पदों पर पदोन्नत किया जा सकता है। सेना मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि महिलाएं भारतीय सेना के विभिन्न परिचालन थिएटरों में गर्व और आत्मविश्वास से सेवा कर रही हैं।
महिला अधिकारियों को पुरुषों के बराबर अवसर
उन्होंने कहा कि महिला अधिकारियों को उनके पुरुष समकक्षों के बराबर अवसर दिए जा रहे हैं। कर्नल रैंक में टेनेंट कमांड असाइनमेंट के लिए महिला अधिकारियों के चयन की प्रक्रिया प्रगति पर है। हाल ही में 57 इंजीनियर्स रेजीमेंट की एक महिला अधिकारी को सियाचिन ग्लेशियर में तैनात किया गया था और उन्हें वहां ऑपरेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शांति मिशनों में भी महिला सैनिकों की तैनाती की जा रही
उन्होंने बताया कि अग्निपथ प्रवेश योजना के माध्यम से महिला सैनिकों को भी शामिल किया जा रहा है। मार्च 2023 में 100 से अधिक महिला अग्निवीरों का पहला बैच बेंगलुरु में प्रशिक्षण के लिए जाएगा। सेना ने मित्र देशों के साथ संयुक्त अभ्यास और शांति मिशनों में महिला सैनिकों की तैनाती भी शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने कहा कि हमने संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति मिशनों में महिला सैनिकों की भूमिका में काफी वृद्धि की है। संयुक्त राष्ट्र के लैंगिक समानता अभियान के अनुरूप, हमने हाल ही में दो महिला अधिकारियों और 25 महिला सैनिकों की टीम को अफ्रीका के अबेई क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के के तहत सबसे चुनौतीपूर्ण परिचालन और इलाके की स्थितियों में से एक महिलाओं और बच्चों को राहत और सहायता प्रदान करने के लिए तैनात किया है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे महिला अधिकारियों और सैनिकों को हर संभव अवसर देने के पक्ष में हैं और आर्टिलरी रेजीमेंट में उनके प्रवेश को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। सेना ने इस संबंध में सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है और इस संबंध में केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप उनके लिए और रास्ते खोलने पर भी विचार कर रही है।