इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 02 जून 2023। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को हॉलिवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म स्पाइडर मैन का डायलॉग सुनाया। उन्होंने कहा कि ज्यादा ताकत मिलने से बड़ी जिम्मेदारी आती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक ताकत बढ़ने से भारत की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। भारत विश्व में महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। इसके लिए जरूरी है कि लोकतंत्र, धार्मिक स्वतंत्रता, वैश्विक शांति पूरी दुनिया में स्थापित हो सके। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देशों की सूची में शुमार करने के लिए भारत सरकार लगातार मेहनत कर रही है। सरकार भारत के हर क्षेत्र में समान रूप से नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि भारत की राजनीतिक पार्टियां बिना लोकतंत्र के नहीं चल सकती। बिना कांग्रेस का नाम लिए उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों की कोई विचारधारा नहीं है। उनकी राजनीति सिर्फ एक परिवार और एक जाति के इर्द-गिर्द ही घूमती है। सिंह ने आगे कहा कि ऐसी राजनीतिक पार्टियों के लिए विकसित भारत में कोई जगह नहीं है। विचारधाराओं और सिद्धांतों के बल पर राजनीति होनी चाहिए न की परिवार, धर्म और जाति के आधार पर।
सामाजिक भेदभाव खत्म हो
केंद्रीय मंंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय राजनीति के भविष्य की बात की जाए तो मैं चाहता हूं कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ें, वैसे-वैसे भारत का लोकतंत्र भी मजबूत होता रहे। राजनीति का अपराधीकरण बंद हो। हमारा देश राजनीति के सकारात्मक सिद्धांतों पर आगे बढ़े। राजनीति जनता की सेवा के माध्यम से जाना जाए। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे भारत का ख्वाब देखता हूं, जिसमें किसी भी तरीके का सामाजिक भेदभाव न हो। भारत के संविधान में धर्म, जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए व्यवस्था है। लेकिन हमारा विकसित भारत इस सिद्धांत से एक कदम आगे होना चाहिए।
पीएम मोदी लगातार कर रहे हैं मेहनत
रक्षा मंत्री ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का आर्थिक सहित अन्य क्षेत्रों में विकास हो रहा है। पीएम भारत की संस्कृति के विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए लगातार कोशिशें कर रहे हैं। विकसित भारत में हमें यह ध्यान देना होगा कि हम अपने विचार किसी के ऊपर अपने विचारों को न थोपें। सिंह ने कहा कि भारत में रक्षा उपकरणों का उत्पादन एक लाख करोड़ के पार हो गया है। सात-आठ साल पहले तक भारत का निर्यात 1000 करोड़ भी नहीं था, लेकिन आज हमने 16 हजार करोड़ के आंकड़े को छू लिया है।