मुस्लिम वर्ल्ड लीग प्रमुख बोले- भारत में मुसलमानों को संविधान पर गर्व, सभी के साथ उनके भाईचारे के रिश्ते

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 14 जुलाई 2023। मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने कहा है कि भारत में मुसलमानों को देश के संविधान पर गर्व है, साथी नागरिकों के साथ भाईचारे का रिश्ता है और समुदाय का नेतृत्व करने वाले लोग समाज के सक्रिय सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि अगर कुछ मतभेद हैं तो उन पर संविधान के तहत चर्चा होनी चाहिए। एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने कहा कि इस्लाम ऐसे किसी भी विचार को खारिज करता है जो लोगों के बीच संघर्ष को बढ़ावा देता है और उन सभी विचारों को जो आतंकवाद या उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं। अल-इस्सा ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बहुत उपयोगी और सफल बैठकें हुईं। उन्होंने भारत के संविधान को समावेशी और सर्वव्यापी बताया। अल-इस्सा ने कहा, भारत में रहने वाले मुसलमानों को अपने संविधान पर गर्व है और साथी नागरिकों के साथ उनका भाईचारा का रिश्ता भी है। और निश्चित रूप से हम कहते हैं कि जिन मुद्दों पर कुछ मतभेद हो सकते हैं, उन मुद्दों पर संविधान के भीतर, प्रेम और भाईचारे के ढांचे में चर्चा की जानी चाहिए। अल-इस्सा मुस्लिम स्कॉलर्स के संगठन के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने भारत में इस्लामी नेतृत्व के साथ अपनी दोस्ती का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि भारत में इस्लामी नेतृत्व को भारतीय नागरिक होने और भारतीय समाज के सक्रिय सदस्य होने और अपने साथी नागरिकों के साथ भाईचारा साझा करने पर बहुत गर्व है। और हां, उन्हें अपने संविधान पर गर्व है। अल-इस्सा को सऊदी अरब के उदारवादी इस्लाम पर सबसे मजबूत आवाजों में से एक माना जाता है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में भारत के साथ उनके देश के संबंध और अधिक मजबूत हुए हैं। मुस्लिम वर्ल्ड लीग (MWL) सऊदी अरब में स्थित एक संगठन है और दुनिया भर में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता है। अल-इस्सा भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं जो 10 जुलाई को शुरू हुई थी।

अल-इस्सा ने कहा कि उनकी भारत यात्रा हमारे यहां के दोस्तों की यात्रा है। मैं इस यात्रा से बहुत खुश हूं। इस यात्रा के दौरान, निश्चित रूप से हमारी बहुत महत्वपूर्ण बैठकें हुईं और मुझे राजनीतिक क्षेत्र के नेतृत्व के साथ-साथ धार्मिक नेतृत्व से भी मिलकर खुशी हुई और ये सभी बैठकें बहुत उपयोगी थीं। हमने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जो राष्ट्रीय समाजों की सद्भावना और हमारी दुनिया की शांति से संबंधित हैं। अल-इस्सा ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू के साथ अपनी बैठकों के दौरान कई सामान्य मुद्दों पर चर्चा की। अल-इस्सा ने बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी से मुलाकात की थी।

एमडब्ल्यूएल प्रमुख ने धर्मों की छवि को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी संगठनों की निंदा की

मुस्लिम वर्ल्ड लीग (एमडब्ल्यूएल) प्रमुख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने आतंकवादी संगठनों की आलोचना की और कहा कि वे धर्मों की छवि को बिगाड़ने का काम करते हैं। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि इस्लाम और आतंकवाद का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है। अपनी पांच दिवसीय भारत यात्रा के दौरान अल-इस्सा ने दुनिया भर में बढ़ते संघर्षों और युद्धों पर चिंता व्यक्त की। भले ही इन संघर्षों के पीछे कारण कुछ भी हो, उन्होंने सभी के बीच शांति और प्रेम का आह्वान किया।

आतंकवादी संगठनों को कोई धर्म या देश नहीं: अल-इस्सा
बातचीत और बुद्धिमत्ता के माध्यम से संघर्षों को हल करने के महत्व पर जोर देते हुए अल-इस्सा ने कहा, उन्हें हल किया जा सके, इसलिए हम हमेशा उनके बीच समझ और बातचीत का समर्थन करते हैं। वैश्विक शांति, प्रगति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बने आईएसआईएस, अलकायदा, तालिबान और बोको हराम जैसे आतंकवादी संगठनों के बारे में पूछे जाने पर मुस्लिम वर्ल्ड लीग प्रमुख ने कहा कि इन संगठनों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। शेख अल-इस्सा ने कहा, ये आतंकवादी संगठन अपने अलावा किसी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, उनका कोई धर्म या देश नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे विचारों का मुकाबला करने के लिए सऊदी अरब साम्राज्य के पास सबसे मजबूत मंच में से एक है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग में हम इन विचारों को अस्तित्व से उखाड़ने पर काम कर रहे हैं।…वे वैचारिक विचार हैं, इसलिए हमें वैचारिक क्षेत्र में उनका सामना करने और इन विचारों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है। अल-इस्सा आतंकवाद के खिलाफ मुखर रहे हैं और बुधवार को “धर्मों के बीच सद्भाव के लिए संवाद” को संबोधित करते हुए उन्होंने फिर से आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि गलतफहमियों, घृणित सिद्धांतों और गलत धारणाओं ने कट्टरपंथ से आतंकवाद तक की राह को तेज कर दिया है। सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए कई नेताओं ने अपना नियंत्रण और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए नफरत भरे भाषणों का इस्तेमाल किया है। 

मुस्लिम वर्ल्ड लीग प्रमुख ने आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ने के विचार पर भी दुख जताया। उन्होंने कहा, बेशक जिस आतंकवाद को इस्लाम से संबंधित होने का गलत प्रचार किया जाता है, मुस्लिम धार्मिक नेता इस अलगाव को दूर करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं कि इस्लाम और आतंकवाद का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आतंकवाद से निपटने और शांति को बढ़ावा देने के लिए बातचीत, समझ और वैचारिक प्रयासों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

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