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नई दिल्ली 27 सितम्बर 2023। कावेरी जल विवाद मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि उन्होंने पानी छोड़े जाने को लेकर अपने अधिवक्ताओं से बात कर ली है। सीएम ने कहा है कि कावेरी जल नियामक समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने 3000 क्यूसेक पानी छोड़ने का प्रस्ताव रखा है, मैंने पहले ही अपने अधिवक्ताओं से बात कर ली है, उन्होंने हमें इस प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का सुझाव दिया है। हम इसे न्यायालय में चुनौती देंगे। हमारे पास तमिलनाडु को देने के लिए पानी नहीं है। हम सीडब्ल्यूआरसी के आदेशों को चुनौती दे रहे हैं।
विरोध में बुलाया गया था बंगलुरू बंद
बता दें कि तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के विरोध में भाजपा और जेडीएस द्वारा समर्थित किसानों और कन्नड़ संगठनों द्वारा मंगलवार को बंगलुरू बंद बुलाया गया था। इसका आंशिक असर भी देखने को मिला था।
भाजपा और जेडीएस पर राजनीतिकरण करने का आरोप
वहीं, बंगलुरू बंद पर सीएम सिद्धारमैया ने मंगलवार को विपक्षी भाजपा और जेडीएस पर कावेरी विवाद का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा और जेडीएस कावेरी विवाद पर राजनीति कर रहे हैं। वे राज्य के लोगों के लिए नहीं बल्कि राजनीति के लिए मामले को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को विरोध करने और बंद का आह्वान करने का अधिकार है, लेकिन अदालत ने इसपर रोक लगा दी है। इसलिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी कानून को अपने हाथ में न ले और जनता को कोई परेशानी न हो।
सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें प्रदर्शन करने दीजिए, हम इसके विरोध में नहीं हैं, लेकिन इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए और राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।