इंडिया रिपोर्टर लाइव
वर्धा, 18 अगस्त 2021. दार्शनिक डॉ. गीता मेहता ने कहा है कि आचार्य विनोबा भावे ने परम् सत्य का दर्शन कराया। डॉ. मेहता आज (बुधवार) महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में पाच दिवसीय अखिल भारतीय दर्शन परिषद के 65 वे अधिवेशन के दूसरे दिन ‘आचार्य विनोबा भावे का साम्य दर्शन’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में अध्यक्षीय वक्तव्य दे रही थीं। आभासी माध्यम से अमेरिका से अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि विनोबा जी ने रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से ग्राम सफाई, कताई और बुनाई जैसे प्रयोगों को जनमानस में पहुचाया और विनोबा जी ने अपने विचार-दर्शन से कोई भी कार्य करने के लिए मानसिक चिंतन और संतुलन की आवश्यकता का मंत्र दिया।
इस सत्र में खगडि़या से डॉ. ईश्वर चंद्र, मुजफ्फरपुर से डॉ. किरण झा, गोपालगंज से डॉ. सीमा सिंह और वाराणसी से डॉ. श्रुति मिश्रा ने विनोबा जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश ड़ाला। अधिवेशन में विभिन्न व्याख्यानमालाओं में दर्शनशास्त्रियों ने गहन विमर्श किया। अधिवेशन के उद्घाटन के बाद व्याख्यानमाला सत्र की अध्यक्षता 65वे अधिवेशन के प्रधान सभापति प्रो. डी. आर. भण्डारी ने की। इस सत्र में परमहंस योगानंद तुलनात्मक धर्मदर्शन व्याख्यान में रीवा के प्रो. श्रीकांत मिश्र, तुलनात्मक धर्म अकादमी व्याख्यान में भोपाल की डॉ. रीता दुबे, वल्लभ वेदांत व्याख्यान में हाजीपुर के डॉ. सुनील कुमार सिंह, स्व.चम्पा देवी- स्व.मुल्तानमल जी तातेड़ जासोल, राजस्थान स्मृति व्याख्यान में वाराणसी की डॉ. सुधा जैन ने और प्रो. संगमलाल पाण्डेय स्मृति व्याख्यान में इलाहाबाद की डॉ. क्षमा तिवारी ने अपने विचार प्रकट किये। सत्र का संचालन स्थानीय संयोजक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने किया तथा स्थानीय सह-संयोजक डॉ. धनजी प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
वरिष्ठ दर्शनशास्त्री प्रो. अंबिकादत्त शर्मा, सागर की अध्यक्षता में आयोजित सत्र में स्वामी प्रणवानंद तुलनात्मक दर्शन व्याख्यान में डॉ. नागेंद्र मिश्र, पटना ने अपने विचार प्रकट किये। महर्षि दयानंद व्याख्यान डॉ. ज्योत्स्ना श्रीवास्तव, वाराणसी, स्वामी नारायण सेश्वर वेदांत व्याख्यान में डॉ. ब्रजभूषण शर्मा, पटना ने विमर्श किया। प्रो. पाण्डेय ब्रम्हेश्वर विद्यार्थी स्मृति विशिष्टाद्वैत व्याख्यान में डॉ. विजयकांत, वाराणसी ने अपने विचार रखे। अंबालाल मूलजी भाई पटेल (दादा भगवान) सर्वांगी जीवन विचार दर्शन व्याख्यान में मुंबई की डॉ. नमिता निंबालकर ने और डॉ. निर्मला कुमारी झा मानवतावाद व्याख्यान में भोपाल के डॉ. प्रदीप कुमार खरे ने विमर्श किया। सत्र का संचालन स्थानीय संयोजक डॉ. लेखराम दन्नाना ने किया तथा स्थानीय सह-संयोजक डॉ. प्रदीप ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
रांची की प्रख्यात दर्शनविद् प्रो. राजकुमारी सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित सत्र में श्रीमती शांति तिवारी स्मृति महाकाव्य सह श्रीमद्भगवतगीता दर्शन व्याख्यान में सागर के प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा ने अपने विचार रखे। हिमगिरि आध्यात्मिक व्याख्यान में पूर्णिया की डॉ. अनिता महतो ने तथा स्वामी शंकर पुरुषोत्तम तीर्थ स्मृति व्याख्यान (नवप्रवर्तित) में प्रयागराज से अखिल भारतीय दर्शन परिषद के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर ने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन स्थानीय संयोजक डॉ. धरवेश कठेरिया ने किया तथा धन्यवाद स्थानीय सह-संयोजक डॉ. भरत पंडा ने ज्ञापित किया ।