इंडिया रिपोर्टर लाइव
पटना 21 जून 2023। बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को पूरे देश के उन सभी प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक हो रही है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार को देश से हटाना चाहते हैं। सत्ता परिवर्तन चाहते हैं। भारतीय जनता पार्टी पटना से लेकर दिल्ली तक इसे बेकार की कसरत बता रही है। इस बीच, भाजपा को राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने एक मुद्दा दे दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग की एक चिट्टी पर भाजपा हंगामा खड़ा कर सकती है, क्योंकि यह आदेश बता रहा है कि एक विशुद्ध राजनीतिक कार्यक्रम के लिए महागठबंधन सरकार ने सरकारी मशीनरी को झोंक दिया है।
हंगामे की वजह विभागों से अफसर निकालना है
हंगामा इस बात पर होगा कि सरकार ने एक राजनीतिक कार्यक्रम के नाम पर न केवल पटना समाहरणालय के अफसरों की ड्यूटी वहां लगा दी, बल्कि विभिन्न विभागों के जिम्मेदार 20 अफसरों को भी प्रतिनियुक्त कर दिया। इस प्रतिनियुक्ति का असर यह होगा कि यह 20 अफसर इस हफ्ते अपना रूटीन कोई काम नहीं करेंगे। इनमें कई अफसरों के पास कई तरह की जिम्मेदारी है, जो वह शुक्रवार तक प्रतिनियुक्ति पर होने के कारण नहीं कर सकेंगे। यानी, अब यह जो भी काम करेंगे- अगले हफ्ते ही।
जानिए, किन विभागों के जिम्मेदार जा रहे
बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम के प्रबंध निदेशक और बेल्ट्रॉन के महाप्रबंधक ही प्रतिनियुक्ति पर होंगे। मतलब, इन कार्यालयों में निर्णय लेने वाले अंतिम अधिकारी अनुपस्थित रहेंगे। विभागों में डिप्टी के बगैर भी बहुत सारे काम अटक जाते हैं, क्योंकि अग्रसारित हुए बगैर भी कई काम नहीं हो पाते हैं। इस विभाग तो ऐसे भी हैं, जिनमें इन्हीं पर ज्यादातर दारोमदार है, क्योंकि ऊपर के अफसर किसी और जगह भी अतिरिक्त प्रभार में हैं। इसका असर किस विभाग पर कितना पड़ेगा, यह तो पता नहीं लेकिन विपक्ष के लिए यह मुद्दा बन सकता है क्योंकि ज्यादातर विभागों से डिप्टी कहे जाने वाले अधिकारी विपक्षी दलों की बैठक में प्रतिनियुक्त किए गए हैं। ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव, ब्रेडा के उपनिदेशक, कृषि विभाग के संयुक्त सचिव, समाज कल्याण विभाग से उप सचिव, जल संसाधन विभाग के उप सचिव, निगरानी विभाग के उप सचिव, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के उप सचिव, जल जीवन हरियाली मिशन के उपनिदेशक, कृषि विभाग के उप सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक, परिवहन विभाग के उप सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के उप सचिव, उद्योग विभाग के उप सचिव, बिहार राज्य खाद्य निगम के उप महाप्रबंधक, उद्योग विभाग के उप सचिव, भवन निर्माण विभाग के उप सचिव राजनीतिक बैठक में लगाए गए हैं। इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के तहत विभागीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी और शिक्षा विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति भी 21 जून से 24 जून तक पटना समाहरणालय में की गई है।
मुद्दा जो हो, जरूरत भी इसी स्तर के अफसरों की
प्रशासनिक जानकारों का कहना है कि यह राजनीतिक कार्यक्रम है, लेकिन बड़ा है और इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि देश के कई राज्यों से मुख्यमंत्री के अलावा प्रमुख राजनीतिक हस्तियां एकमुश्त इस तरह पटना आ रही हैं। प्रशासनिक प्रबंधन के लिए वरीय अधिकारियों की ड्यूटी जरूरी है, ताकि सुरक्षा से लेकर सुविधा तक में कोई परेशानी नहीं हो। इस कार्यक्रम के लिए राजनेताओं के साथ उनकी टीम तो रहेगी, लेकिन बिहार के अफसरों को भी उनके साथ लगाया जाएगा। इसमें उच्च स्तर के अफसरों को लगाना अनिवार्य होता है, इसलिए ऐसे कार्यक्रम जिस जिले में हों- अतिरिक्त वरीय अफसरों की प्रतिनियुक्ति होती ही है।