माउंट आबू में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन में डॉ. अमित विश्वास की पुस्त‍क ‘भूमंडलीकरण : मीडिया की आचार संहिता’ का हुआ विमोचन

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

वर्धा 28 मई, 2024। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा  के सहायक संपादक डॉ. अमित विश्वास द्वारा लिखित पुस्तक ‘भूमंडलीकरण : मीडिया की आचार संहिता’ का विमोचन माउंट आबू, राजस्थान स्थित ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के ज्ञान सरोवर में ‘नई सामाजिक व्यवस्था के लिए दृष्टि और मूल्य- मीडिया की भूमिका’ विषय पर मीडिया विंग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन एवं रिट्रीट कार्यक्रम के समापन अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार के लोक स्वास्‍थ्‍य, यांत्रिकी मंत्री सम्पतिया उइके एवं विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के ओएसडी आईएफएस डॉ. सी. राजशेखर के हाथों किया गया। मंचस्‍थ अतिथियों ने मीडिया की आचार संहिता विषय पर पुस्‍तक लिखने के लिए लेखक डॉ. अमित विश्‍वास को बधाई दी। मीडिया महासम्मेमलन में देशभर के साढ़े चार सौ से अधिक मीडियाकर्मी शामिल हुए। विमोचन कार्यक्रम के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार बी.के. अवतार भाई, इग्नू, भागलपुर के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. कमलेश मीना, पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय के भाषा एवं साहित्य विभाग के अध्य्क्ष प्रो. प्रदीप मलिक, रेडियो सरगम 90.8 एफ.एम., इंदौर के निदेशक आशीष गुप्ता, साधना न्यूज, इंदौर के न्यू ज एडिटर पंकज दीक्षित, आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वायलियर के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनीष जैसल, जर्नलिस्ट् एसोशिएसन ऑफ राजस्थान, जयपुर के प्रदेश अध्यक्ष हरि बल्लभ मेघवाल, हैदराबाद के मीडिया विंग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके सरला आनंद बहन, ग्वालियर के  बीके प्रह्लाद, सिद्धपुर के सबजोन कोआर्डिनेटर बीके बीके विजया बहन, मोहाली के जोनल को-ऑर्डिनेटर बीके करमचंद उपस्थित थे।

इस दौरान लेखक डॉ. अमित विश्वास ने पुस्तक के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि परम्परागत मीडिया से लेकर न्यू मीडिया खासकर वाट्सएप, फेसबुक, ब्लॉग, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि में झूठ-कारोबार भी पनप रहा है। टेब्लॉयड जर्नल्ज्मि से पेड न्यूज़, फेक न्यूज़ तक के सफर में प्रतिबद्ध पत्रकारों का मन कचोटता है। उन्होंने कहा कि वाणी प्रकाशन नई दिल्‍ली से प्रकाशित इस पुस्‍तक में मीडिया की आचार संहिता के उल्लंघन से सम्बन्धित मामलों के अध्ययन को शामिल किया गया है। वर्ष 2001 से 2020 तक भारतीय प्रेस परिषद् में कुल दर्ज 34,734 मामलों के अध्ययन से यह तथ्य प्राप्त हुआ कि प्रेस द्वारा सरकार के अधिकारियों के विरुद्ध कुल 4,007 मामले दर्ज हुए जबकि पत्रकारिता की नैतिकता सम्बन्धी उल्लंघन के 14,200 मामले दर्ज हुए। तात्पर्य यह है कि पत्रकारिता के आचरण का उल्लंघन करने वाले मामले अधिक दर्ज किए गए। पत्रकारिता के उच्च मानक को बनाए रखने के लिए आचार संहिता को बनाए रखना होगा। इसके लिए मीडिया काउंसिल का गठन किया जाना चाहिए और इसे और अधिक विधायी शक्तियां प्रदान की जानी चाहिए, इसके अंतर्गत तमाम मीडिया संस्थानों को शामिल किया जाना चाहिए।   

मीडिया विंग, ग्वालियर के को-ऑर्डिनेटर बी.के. प्रह्लाद ने स्वागत वक्तव्य दिया। अजमेर मीडिया विंग की सब-जोलन को-ऑर्डिनेटर बीके योगिनी ने संचालन किया। राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन एवं रिट्रीट के राष्‍ट्रीय समन्वयक बी.के. शांतनु ने कार्ययोजना सह संकल्प पत्र का वाचन किया।

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