इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 29 सितम्बर 2023। कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उसने सरकार पर सोशल ऑडिट के फंड में देरी कर मनरेगा की ‘सुनियोजित इच्छामृत्यु’ करने का आरोप लगाया है। साथ ही दावा किया कि बाद में सरकार इसी का बहाना लेकर राज्यों को धन देने से इनकार कर देती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की सामाजिक लेखा परीक्षा इकाइयां कई राज्यों में निष्क्रिय हालत में हैं।
सोशल ऑडिट मनरेगा का एक अनिवार्य हिस्सा
जयराम रमेश ने कहा कि ग्राम सभा के द्वारा किया जाने वाला सोशल ऑडिट महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का एक अनिवार्य हिस्सा है। ऑडिट जवाबदेही सुनिश्चित करने और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य मूल रूप से भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है।
फंडिंग में देरी
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य में एक स्वतंत्र सोशल ऑडिट होता है। इसे केंद्र द्वारा सीधे फंड किया जाता है। ताकि उसकी स्वायत्तता बरकरार रखी जा सके। उन्होंने कहा कि अब इसकी फंडिंग में देरी की बात सामने आ रही है। इसका नतीजा यह है कि सोशल ऑडिट समय पर नहीं हो पा रहा है।
चक्रव्यूह में फंसाकर इच्छामृत्यु
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऑडिट की इस पूरी प्रक्रिया से समझौता किया जाता है। इसके बाद मोदी सरकार इस स्थिति का इस्तेमाल राज्यों को फंड देने से इनकार करने के लिए एक बहाने के रूप में करती है। फंड नहीं मिलने के कारण वेतन भुगतान आदि प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि मनरेगा को सुनियोजित ढंग से चक्रव्यूह में फंसाकर इच्छामृत्यु देने जैसा है।