इंडिया रिपोर्टर लाइव
चांफाई 19 नवंबर 2023। शरणार्थी नाम सुनते ही दिमाग में एक तस्वीर बनती है, जहां दीन-हीन अवस्था में बुरे हालात में हजारों लोग जीवन की बुनियादी चीजों के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं लेकिन, मिजोरम में रह रहे म्यांमार के शरणार्थी स्थानीय सरकार और गैर-सरकारी संगठनों के आतिथ्य और सेवा का आभार प्रकट करते हुए कहते हैं कि उन्हें कभी यह महसूस नहीं हुआ कि वे अपने देश से बाहर शरणार्थी बनकर रह रहे हैं।
म्यांमार की सेना और सशस्त्र नागरिक संगठन पीपल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के बीच जारी हिंसक संघर्ष के बीच भारत आए 5 हजार से ज्यादा शरणार्थियों को मिजोरम की सरकार और गैर-सरकारी संगठनों से भरपूर मदद मिल रही है। फिलहाल, ये शरणार्थी चंफाई जिले के जोखावथर क्षेत्र में बनाए गए 6 शिविरों में रह रहे हैं। शिविरों में भोजन, पानी, स्वच्छता जैसी बुनियादी चीजों के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था
म्यांमार के चिन राज्य की खियानुनपर ने बताया कि उनके गर्भ के नौ माह हो गए हैं। शिविर में उनका और बच्चों का बहुत अच्छी तरह खयाल रखा जा रहा है। शिविर में उनके अलावा 8 गर्भवती महिलाएं हैं, जिनके लिए स्थानीय प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं। डॉक्टरों और नर्स शिविर का नियमित दौरा कर रहे हैं। जरूरी दवाएं दीं जा रही हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलओं को अलग से राशन और भोजन भी दिया जाता है। असल में जोखावथर में सितंबर 2021 मे म्यांमार से आए शरणार्थियों के लिए शिविर बनाया गया था। जब म्यांमार के सैन्य शासन ने चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट किया था।