इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 16 दिसंबर 2023। संसद में घुसपैठ करने वाले आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। अब इस मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसे जल्द ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा। इस मामले में पुलिस ने महेश कुमावत नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में ये छठे आरोपी की गिरफ्तारी की है। आरोपी महेश कुमावत है। जो मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है। स्पेशल सेल के सूत्र बताते हैं कि जब ललित झा ने दिल्ली पुलिस के सामने कर्तव्य पथ थाना में सरेंडर किया था।उस वक्त महेश कुमावत भी साथ में था।
वहीं दूसरी तरफ अदालत ने संसद में सुरक्षा उल्लंघन के पीछे के मास्टरमाइंड होने के आरोपी ललित झा को शुक्रवार को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने इसी मामले में गिरफ्तार चार अन्य लोगों को कल ही सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। संसद सुरक्षा चूक मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे जल्द ही दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के संबंधित न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा।
आरोपियों ने पूछताछ में किया बड़ा खुलासा
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि विजिटर्स गैलरी से लोकसभा चैंबर में कूदने की योजना तय करने से पहले उन्होंने कई अन्य विकल्पों पर भी विचार किया था। पुलिस ने बताया कि पहले आरोपियों ने अपने शरीर पर फायरप्रूफ जैल लगाकर संसद भवन में खुद को आग लगाने की योजना पर भी विचार किया था।
किन बाद में ये विचार छोड़ दिया। इसके अलावा आरोपियों ने संसद भवन में पर्चे फेंकने की भी योजना बनाई थी लेकिन आखिरकार उन्होंने लोकसभा में स्मोक कैनिस्टर से रंगीन धुंआ छोड़ना तय किया और बीते बुधवार को वैसा ही किया।
आरोपियों के पास था दूसरा प्लान तैयार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार की रात दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें दो डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस और अतिरिक्त कमिश्नर ऑफ पुलिस शामिल थे, उन्होंने ललित झा से पूछताछ की। इस पूछताछ के दौरान ललित ने संसद में घुसपैठ के पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
ललित ने बताया कि योजना के तहत महेश और कैलाश को गुरुग्राम में विक्की उर्फ विशाल शर्मा के आवास पर पहुंचना था लेकिन दोनों समय से वहां नहीं पहुंच पाए। ऐसे में नीलम और अमोल को ही किसी भी कीमत पर संसद भवन परिसर में पहुंचकर स्मोक कैनिस्टर छोड़ने और नारेबाजी करने की जिम्मेदारी दी गई।