
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 04 फरवरी 2024। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रौद्योगिकी न्याय के लिए एक शक्तिशाली ताकत के रूप में उभरी है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तकनीकी समाधान समानता और समावेशिता को ध्यान में रखते हुए हो। सीजेआई ने कहा, न्याय के लिए साझा प्रतिबद्धता विकसित करने के महत्व को पहचानने की आवश्यकता है। कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन (सीएलईए)-कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस में सीजेआई ने कहा, हम परंपरा और इनोवेशन के चौराहे पर खड़े हैं। प्रौद्योगिकी न्याय के लिए एक शक्तिशाली शक्ति के रूप में उभरी है। यह न्याय की गति और पहुंच को बढ़ाने का काम करती है, लेकिन हमें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।
अदालत में सुविधाओं का आधुनिकीकरण महत्वपूर्ण
सीजेआई ने कहा कि अदालत कक्षों और सुविधाओं का आधुनिकीकरण उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि समग्र रूप से बुनियादी ढांचे का मजबूत होना। साथ ही सीजेआई ने कानूनी शिक्षा तक समान पहुंच की वकालत करते हुए कहा कि लॉ स्कूलों में प्रवेश प्रक्रियाओं में न केवल शैक्षणिक प्रदर्शन बल्कि सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि, विविधता और जीवन के अनुभवों जैसे कारकों पर भी विचार किया जाना चाहिए।