
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 12 अगस्त 2024। भारतीय नौसेना अपने पारंपरिक पनडुब्बी बेडे़ के आधुनिकीकरण की दिशा में काम कर रही है। नौसेना ने इस साल 60 हजार करोड़ रुपये की लागत से देश में छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों के निर्माण के निविदा जारी की थी। इन पनडुब्बियों के निर्माण के लिए परीक्षण शुरू किया गया था। सरकारी स्वामित्व वाली मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड (एमडीएल) ने पनडुब्बी निर्माण योजना में महत्वपूर्ण परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसलिए उसने इस क्षेत्र में बढ़त बनाई है। नौसेना ने एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम से लैस छह उन्नत पनडुब्बियों के निर्माण के लिए परीक्षण किया था। एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम नावों को नियमित छोटे अंतराल पर बैटरी चार्ज करने के लिए फिर से सतह पर आने की जरूरत के बिना दो हफ्ते तक पानी के नीचे रहने में मदद कर सकता है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि एमडीएल और लार्सन एंड टुब्रो इस परियोजना में दो दावेदार हैं। जबकि जर्मन की थिसेनाक्रुप मरीन सिस्टम्स और स्पेनिश नवंतिया उनके साझेदार हैं। रक्षा सूत्रों ने बताया कि एमडीएल को भारतीय नौसेना के कमोडोर रैंक के एक अधिकारी (सेना में ब्रिगेडियर के समकक्ष) ने सूचित किया कि वे परीक्षण के लिए योग्य हैं।