इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 11 मार्च 2024। कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड का विवरण देने के लिए समय बढ़ाने की भारतीय स्टेट बैंक की याचिका को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने का स्वागत करते हुए सोमवार को दावा किया कि सरकार को इस बात का डर है कि उसके सारे राज खुल जाएंगे। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह भी कहा कि बॉण्ड पर उच्चतम न्यायालय का फ़ैसला पारदर्शिता, जवाबदेही, और लोकतंत्र में बराबरी के मौक़े की जीत है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय एक बार फिर से भारतीय लोकतंत्र को सरकार की “साजिशों” से बचाने के लिए सामने आया है। उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से सोमवार को पूछा कि उसने चुनावी बॉण्ड योजना को पिछले महीने रद्द किए जाने से पहले राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉण्ड संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए हैं। न्यायालय ने एसबीआई को 12 मार्च को कामकाजी अवधि समाप्त होने तक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “चुनावी बॉण्ड (का विवरण) प्रकाशित करने के लिए एसबीआई द्वारा साढ़े चार महीने मांगने के बाद साफ़ हो गया था कि मोदी सरकार अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रही है।” उन्होंने कहा, “आज के माननीय उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले से देश को जल्द चुनावी बॉण्ड से भाजपा के चंदा देने वालों की सूची पता चलेगी। मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, घपलों और लेन-देन की कलई खुलने की ये पहली सीढ़ी है।
खरगे का कहना है कि अब भी देश को यह पता नहीं चलेगा कि भाजपा के ‘‘चुनिंदा पूंजीपति चंदाधारक किस-किस ठेके के लिए मोदी सरकार को चंदा देते थे, और ऐसे में उच्चतम न्यायालय को उचित निर्देश देने चाहिए।” उन्होंने दावा किया, ‘‘खबरों से ये तो उजागर हुआ ही है कि भाजपा किस तरह ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग से छापे डलवाकर जबरन चंदा वसूलती थी।” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “उच्चतम न्यायालय का फ़ैसला पारदर्शिता, जवाबदेही, और लोकतंत्र में बराबरी के मौक़े की जीत है।” वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “उच्चतम न्यायालय एक बार फिर भारतीय लोकतंत्र को इस शासन की कुटिल साजिशों से बचाने के लिए आगे आया है।” उन्होंने दावा किया, “एसबीआई द्वारा एक दिन के साधारण से काम के लिए समय बढ़ाने की मांग करना हास्यास्पद था।