इंडिया रिपोर्टर लाइव
कीव 24 अगस्त 2024। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से कीव में मुलाकात की। यह मुलाकात युद्धग्रस्त देश की ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा थी। इस दौरान जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन भारत में बने उत्पादों को खरीदने और कीव में भारतीय कंपनियों को खोलने की अनुमति देकर भारत के साथ जुड़ने के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने भारत में यूक्रेनी कंपनियों को स्थापित करने की भी इच्छा जताई। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जेलेंस्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जहां उनसे पूछा गया कि क्या यूक्रेन सीधे भारत के साथ जुड़ने और भारत में बने उत्पादों को खरीदने के लिए तैयार है। इस पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत में कंपनिया खोलने और भारतीय कंपनियों को कीव में स्थापित करने की अनुमति देने के लिए तैयार है।
जेलेंस्की ने कहा, ‘हां, हम तैयार हैं। मैंने आप सभी को सब कुछ बता दिया है। जैसा कि मैंने कहा कि हम आदान-प्रदान के लिए तैयार हैं। हम खरीदने के लिए तैयार हैं। हम उत्पादन करने के लिए तैयार हैं। हम यहां पर आपकी कंपनियां खोलने के लिए तैयार हैं या हम भारत में अपनी कंपनियां खोलने के लिए तैयार हैं। इसलिए बातचीत और काम के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
भारत आने का न्योता मिलने पर यह कही बात
इस बीच, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को बातचीत के दौरान भारत आने का न्योता दिया है। जब इस बारे में पूछा गया तो जेलेंस्की ने कहा, ‘हां, मेरी भारत यात्रा की योजना है क्योंकि जब आप एक साझेदारी, रणनीतिक साझेदारी शुरू करते हैं और आप कुछ बातचीत शुरू करते हैं तो मुझे लगता है कि आपको समय बर्बाद करने और बड़े विराम देने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, मुझे लगता है कि एक साथ फिर से मिलना अच्छा होगा। अगर हमारी मुलाकात भारत में होगी तो मुझे खुशी होगी। मैंने आपके बड़े और महान देश के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है। यह बहुत दिलचस्प है।’
आपके देश को देखने का समय नहीं: यूक्रेनी राष्ट्रपति
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, ‘मेरे पास आपके देश को देखने का समय नहीं होगा। यह अफसोस की बात है क्योंकि युद्ध के दौरान, मेरे पास कुछ और और देखने का समय नहीं है। लेकिन मुझे लगता है कि अपने लोगों को देखने का कोई भी तरीका महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि देश को समझना लोगों को भी समझना है।’