इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 08 अक्टूबर 2024। पाकिस्तान ने हाल ही में आगामी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के संदर्भ में भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता की संभावना को नकार दिया है। इस सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं, जो पिछले नौ वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री का पहला पाकिस्तान दौरा होगा। पिछली बार 2015 में सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद की यात्रा की थी। एस जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य SCO का एक बहुपक्षीय कार्यक्रम है, न कि भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करना। उन्होंने कहा, “मैं 15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान जा रहा हूं, लेकिन वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर बातचीत नहीं होगी। मेरा उद्देश्य SCO के एक सदस्य के रूप में सम्मेलन में भाग लेना है।” इस टिप्पणी में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी यात्रा के दौरान कोई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी। यह बात पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो इस बात को रेखांकित करती है कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच बातचीत की संभावनाएँ लगभग खत्म हो चुकी हैं।
पाकिस्तान का प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं चाहूंगी कि आप भारतीय विदेश मंत्री की 5 अक्टूबर को की गई टिप्पणियों पर ध्यान दें। उनकी टिप्पणियाँ अपने आप में संकेत देती हैं कि यह यात्रा द्विपक्षीय बातचीत के लिए नहीं है।” इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान ने भारत की ओर से किसी भी सकारात्मक संकेत की उम्मीद छोड़ दी है।
भारत-पाकिस्तान संबंधों की स्थिति
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध वर्तमान में अपने सबसे निचले स्तर पर हैं। 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद, पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को काफी कम कर दिया। इसके अलावा, पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमले किए थे। इस हमले में कई आतंकवादी मारे गए थे, और इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
भविष्य की संभावनाएँ
हाल के घटनाक्रम और दोनों देशों के बीच संवाद की कमी यह दर्शाते हैं कि आने वाले समय में बातचीत की कोई संभावना नहीं है। SCO शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के नेताओं के बीच कोई सीधी बातचीत होने की उम्मीद नहीं है, जो कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों के लिए चिंता का विषय है। इस प्रकार, वर्तमान स्थिति यह संकेत देती है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। दोनों देशों के बीच संवाद की कमी और विभिन्न मुद्दों पर मतभेद उन्हें एक स्थायी समाधान की ओर बढ़ने से रोक रहे हैं। आने वाला SCO शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण अवसर है, लेकिन द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा न होने के कारण यह अवसर भी एक अस्थायी समाधान की तरह नजर आता है।