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नई दिल्ली 19 मई 2023। हिंद महासागर क्षेत्र में हमेशा से भारत का प्रभाव रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों से चीन इस क्षेत्र में भारत के दबदबे को चुनौती दे रहा है। इसके लिए चीन पाकिस्तान की नौसेना को मजबूत कर रहा है। साथ ही कई अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाकर वहां अपनी नौसेना की गतिविधियां बढ़ा रहा है। भारत ने चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय नौसेना की छठी और अंतिम कलवारी श्रेणी की पनडुब्बी वाघशीर ने अपना समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसे आगले साल की शुरुआत में ही भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट-75 की छठी पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण गुरुवार को ही शुरू हो गया था। बताया जा रहा है कि परीक्षण पूरा होने के बाद वाघशीर को साल 2024 में भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन लगातार अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। इसी को देखते हुए भारत ने समुद्री क्षमता बढ़ाने का फैसला लिया है।
गौरतलब है, पनडुब्बी वाघशीर को पिछले साल अप्रैल में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से लॉन्च किया गया था। प्रोजेक्ट-75 के तहत देश में छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना है। इन पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में किया जा रहा है। बता दें, कलवरी श्रेणी की पांच पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है।
नौसेना का कहना है कि एमडीएल ने 24 महीनों में प्रोजेक्ट-75 की तीन पनडुब्बियों को तैयार कर सेना को सौंप दिया था। वहीं, अब छठी पनडुब्बी को तैयार कर लिया गया है। इसका समुद्री परीक्षण शुरू हो गया है। सेना ने आगे कहा कि यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बढ़ने का संकेत है। उन्होंने कहा कि पनडुब्बी समुद्र में अपनी सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों से गुजरेगी।