इंडिया रिपोर्टर लाइव
बिलासपुर 03 जुलाई 2020। एटक ,एच.एम.एस.,बी.एम.एस.,इंटक,एवं सीटू के संयुक्त तत्वधान में 2से 4 जुलाई तक कोयला उद्योग में राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आवाहन किया गया था ।उसी क्रम में 2 एवं 3 जुलाई को पूरे एसईसीएल के अंदर कोयला मजदूरों ने चट्टानी एकता के साथ खदान को पूरी तरह से ठप कर दिया और एक छटांक भी कोयला नहीं निकलने दिया । प्रबंधन अपनी चमड़ी बचाने के लिए झूठ का सहारा लेते हुए फर्जी डिस्पैच फर्जी उत्पादन दिखाकर लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं । सच्चाई यह है कि जब मजदूर काम पर गया ही नहीं तो कोयला उत्पादन आसमान से हो गया। या कोई भूत कोयले का उत्पादन करके चला गया। रखे हुए कोयले के भंडार को ही उत्पादन बता कर के और बयान बाजी कर रहे हैं जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
एटक एसईसीएल के महामंत्री कामरेड हरिद्वार सी ने कहा कि यह हड़ताल ऐतिहासिक हड़ताल है सफल हड़ताल है ।और मजदूर अपनी बातों को मनवा करके ही दम लेगा। सार्वजनिक क्षेत्र स्वर्ग है तो निजी क्षेत्र नर्क है ।सार्वजनिक क्षेत्र का लाभ मजदूरों के साथ साथ अधिकारियों को भी भरपूर मिलता है। अधिकारीगण भी अंदर से चाहते हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण ना हो कोल ब्लॉक का प्राइवेट कंपनियों को बिक्री ना हो लेकिन बिबस हैंऔर इसीलिए सच्चाई का सामना करने से कतरा रहे हैं ।उनके करनी पर हमें कुछ भी नहीं कहना है लेकिन मजदूरों ने जो किया है आए दिन अखबारों में छपरा है जग जाहिर है और सरकार 3 दिन के जबरदस्त हड़ताल के बाद भी होश में नहीं आई तो फिर हमें कोयला उद्योग को बचाने के लिए अगली रणनीति के बारे में विचार करना होगा।
मैं इस मौके पर एटक एचएमएस बीएमएस इंटक एवं सीटू के नेताओं कार्यकर्ताओं एवं आम कोयला खदान के मजदूरों को मैं बहुत बधाई देता हूं कि पूरे मुस्तैदी के साथ एक वफादार सैनिक की तरहसे मोर्चे पर डटे हैं और हड़ताल को सफल बना रहे हैं ।हमें उन मजदूर भाइयों से भी अपील है कि जो डर से प्रलोभन से या किसी भी तरह से ड्यूटी करने में असमर्थ हो उनसे भी हमारा अपील है कि वह निर्भय होकर के हड़ताल में शामिल हो और कोयला खदान को बचाएं ।कोयला खदान हमारी मां है कोयला खदान से ही हमारे बाल बच्चों का परवरिश होता है बेहतर से बेहतर अस्पताल में इलाज होता है उच्च शिक्षण संस्थानों में हमारे बच्चे पढ़ते हैं और हमारा समूचा परिवार समाज के मुख्यधारा में आ जाता है इसीलिए खदान ना बिकने पाए यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है और इसीलिए हड़ताल को कामयाब करने के लियेजिस प्रकार से 2 दिनों तक मोर्चे पर डटे रहे और कामयाब किए इसी तरह से 4 तारीख को भी मुस्तैदी के साथ कामयाब करें ताकि संयुक्त मोर्चे का झंडा लहराता रहे इसी उम्मीद के साथ एक बार फिर से मजदूर भाइयों को नमस्कार।