पीएम मोदी ने एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट रीवा राष्ट्र को समर्पित किया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- इस परियोजना से मध्य प्रदेश साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा- मध्यप्रदेश भविष्य में 10 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन कर आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान देगा

इंडिया रिपोर्टर लाइव

भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा में बने अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी ने कहा- मध्य प्रदेश साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा। हमारे मध्यम और गरीब परिवारों को होगा। किसानों को होगा और आदिवासियों को इससे फायदा होगा। हमारी संस्कृति में सूर्य का विशेष महत्व रहा है। उन्होंने एक संस्कृत श्लोक के जरिए बताया कि, ‘जो उपासना के योग्य सूर्य हैं, वो हमें पवित्र करें।’ पीएम मोदी ने कहा कि रीवा में ऐसा ही अहसास हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सूर्य देव की इस ऊर्जा को आज पूरा देश महसूस कर रहा है। सौर ऊर्जा आज ही नहीं, 21वीं सदी का एक बड़ा माध्यम बनने जा रहा है। ये श्योर, प्योर और सिक्योर है। श्योर इसलिए कि सूर्य हमेशा चमकता रहेगा, जब सभी संसाधन खत्म हो जाएंगे। प्योर, इसलिए क्योंकि इससे पर्यावरण पूरी तरह से सुरक्षित और साफ-सुथरा बना रहेगा। सिक्योर इसलिए कि इससे बिजली की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विभिन्न सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से मध्यप्रदेश भविष्य में 10,000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना अहम योगदान देगा।

बिजली पर आत्मनिर्भरता बढ़ रही है: पीएम  

पीएम मोदी ने कहा, ‘ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे, तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन जाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों को होगा, किसानों को होगा, आदिवासियों को होगा। सौर ऊर्जा आज की ही नहीं बल्कि 21वीं सदी की ऊर्जा ज़रूरतों का एक बड़ा माध्यम होने वाला है। क्योंकि सौर ऊर्जा, श्योर है, प्योर है और सिक्योर है। जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं-आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे हमारी ऊर्जा की, बिजली की ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है।’

रीवा की पहचान सफेद बाघ से : मोदी 

मोदी ने कहा, “आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है। हालांकि रीवा में नर्मदा नदी नहीं है। मोदी ने कहा कि अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है। इसके लिए मैं रीवा के लोगों को, मध्य प्रदेश के लोगों को, बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। रीवा का ये सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को, इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा रीवा की ही तरह शाजापुर, नीमच और छतरपुर में भी बड़े सोलर पावर प्लांट पर काम चल रहा है।” 

सोलर एनर्जी में दुनिया की टॉप फाइव में पहुंचे: पीएम 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘हम सोलर ऊर्जा के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में पहुंच गए हैं। इसमें भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। जब हम आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, तब इकोनॉमी उसका एक सबसे जरूरी भाग है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस बात को लेकर पसोपेश में रहे हैं कि उद्योग को बढ़ाएं कि पर्यावरण को। भारत ने ये दिखाया है कि इकोनॉमी और पर्यावरण एक-दूसरे के पर्याय हो सकते हैं। बिजली आधारित परिवर्तन के लिए नए रिसर्च होने लगे हैं। ऐसे अनेक प्रयास हैं, जो इंसान के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे हैं।’

एलईडी बल्ब से साढ़े 4 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में घुलने से रुक रही 

पीएम मोदी ने कहा, ‘एलईडी बल्ब से बिजली का बिल कम हुआ है। इसका एक और महत्वपूर्ण पहलू है। एलईडी बल्ब से करीब साढ़े 4 करोड़ टन कम कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में जाने से रुक रही है, यानि प्रदूषण कम हो रहा है। बिजली सबतक पहुंचे, पर्याप्त बिजली पहुंचे। हमारा वातावरण, हमारी हवा, हमारा पानी भी शुद्ध बना रहे, इसी सोच के साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं। यही सोच सौर ऊर्जा को लेकर हमारी नीति और रणनीति में भी स्पष्ट झलकती है। जिस तरह से भारत में सोलर पावर पर काम हो रहा है, ये चर्चा और बढ़ने वाली है। ऐसे ही बड़े कदमों के कारण भारत को क्लीन एनर्जी का सबसे आकर्षक बाजार माना जा रहा है।’

पीएम ने कहा- जब घर से बाहर निकलिए तो अपनी जिम्मेदारी याद रखें 

आखिर में पीएम मोदी ने कोरोना बचने के लिए चेताया। उन्होंने कहा- ‘दो गज़ की दूरी, चेहरे पर मास्क और हाथ को 20 सेकेंड तक साबुन से धुलना। इन नियमों का हमें हमेशा पालन करना है। सरकार हो या समाज, संवेदना और सतर्कता इस मुश्किल चुनौती से निपटने के लिए हमारे सबसे बड़े प्रेरणास्रोत हैं। आज जब आप मध्य प्रदेश को, पूरे देश को आगे बढ़ाने के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं, तो अपनी एक और जिम्मेदारी भी हमेशा याद रखिए। ‘

हम पूरे विश्व को जोड़ने में जुटे हैं: पीएम 

पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया की, मानवता की, भारत से इसी आशा, इसी अपेक्षा को देखते हुए, हम पूरे विश्व को जोड़ने में जुटे हुए हैं। इसी सोच का परिणाम आइसा यानि इंटरनेशनल सोलर अलायंस है। वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड, के पीछे की यही भावना है। जिस तरह से भारत में सोलर पावर पर काम हो रहा है, ये चर्चा और बढ़ने वाली है। दुनिया की, मानवता की, भारत से इसी आशा, इसी अपेक्षा को देखते हुए, हम पूरे विश्व को जोड़ने में जुटे हुए हैं। इसी सोच का परिणाम आइसा यानि इंटरनेशनल सोलर अलायंस है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की खास-खास बातें

1. जब हम आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, प्रगति की बात करते हैं तो इकोनॉमी उसका एक अहम पक्ष होता है। पूरी दुनिया के नीति निर्माता बरसों से दुविधा में है, कि इकोनॉमी की सोचें या पर्यावरण की। आज आप देखेंगे कि सरकार के जितने भी कार्यक्रम हैं, उनमें पर्यावरण सुरक्षा और ईज ऑफ लिविंग को प्राथमिकता दी जा रही है। 

2. हमारे लिए पर्यावरण की सुरक्षा सिर्फ कुछ प्रोजेक्ट्स तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये वे ऑफ लाइफ है। जब हम रिन्यूअल एनर्जी के बड़े प्रोजेक्ट लॉन्च कर रहे हैं, तब हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि साफ-सुथरी ऊर्जा के प्रति हमारा संकल्प जीवन के हर पहलू में दिखे। हम कोशिश कर रहे हैं कि इसका लाभ देश के हर कोने, समाज के हर वर्ग, हर नागरिक तक पहुंचे।

3. एक प्रकार से सौर ऊर्जा ने आम ग्राहक को उत्पादक भी बना दिया है, पूरी तरह से बिजली के बटन पर कंट्रोल दे दिया है। बिजली पैदा करने वाले बाकी माध्यमों में सामान्य जन की भागीदारी ना के बराबर रहती है। 

4. जो पहला प्लांट है, जो पारंपरिक खेती है, वो हमारा किसान ऐसी जमीन पर लगाता है जो उपजाऊ होती है। लेकिन ये जो दूसरा सोलर एनर्जी प्लांट है, ये ऐसी जमीन पर भी लगेगा जो उपजाऊ नहीं है, फसल के लिहाज से अच्छी नहीं है। 

5. पीएम ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि मध्य प्रदेश के किसान साथी भी अतिरिक्त आय के इस साधन को अपनाने और भारत को पॉवर एक्सपोर्टर बनाने के इस व्यापक अभियान को ज़रूर सफल बनाएंगे। ये विश्वास इसलिए अधिक है क्योंकि मध्य प्रदेश के किसानों ने संकल्प को सिद्धि में बदलकर दिखाया है।

6. सोलर पावर की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण ना हो। अब इसी दिशा में तेज़ी से काम चल रहा है। अब गरीब परिवारों को नवंबर तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा। 

7. इतना ही नहीं, निजी क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में भी सरकार पूरा अंशदान दे रही है। इसी तरह, पीएम-स्वनिधि योजना के माध्यम से उन साथियों की सुध ली गई, जिनकी सिस्टम तक सबसे कम पहुंच होती है।

8. सरकार हो या समाज, संवेदना और सतर्कता इस मुश्किल चुनौती से निपटने के लिए हमारे सबसे बड़े प्रेरणास्रोत हैं। आज जब आप मध्य प्रदेश को, पूरे देश को आगे बढ़ाने के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं, तो अपनी एक और जिम्मेदारी भी हमेशा याद रखिए। 

750 मेगावाट क्षमता है इस परियोजना की 

गुढ़ रीवा में स्थापित वृहद सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना 750 मेगावाट की है और 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित है। यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साइड सौर सयंत्रों में से एक है। इस सौर ऊर्जा प्लांट में कुल तीन इकाईयां है। प्रत्येक इकाई में 250 मेगा वाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है। परियोजना से उत्पादित विद्युत का 76 प्रतिशत अंश प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी और 24% दिल्ली मेट्रो को प्रदान किया जा रहा है।

प्रति यूनिट बिजली 2.97 रुपए 

यह परियोजना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है क्योकि इसमें प्रति यूनिट की क्रय दर 2 रूपये 97 पैसे है, जो अब तक की न्यूनतम दर है। सौर परियोजना को पर्यावरण की दृष्टि से देखे तो रीवा सौर परियोजना से प्रतिवर्ष 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उर्त्सजन को रोका जा रहा है जो 2 करोड़ 60 लाख पेड़ों को लगाने के बराबर है।

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