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वैज्ञानिकों ने पहले से कोई बीमारी न होने के बावजूद कुछ मरीजों में कोरोना से हालत बिगड़ने की वजह का पता लगा लिया है। नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि ऐसा इन मरीजों में विशेष जीन टीएलआर7 की निष्क्रियता के कारण होता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि टीएलआर7 कोविड-19 के खिलाफ सक्रिय प्रतिरोधी क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर यह ठीक से काम न करे तो कोई बीमारी न होने पर भी मरीज वेंटीलेटर की स्थिति तक चला जाता है या उसकी जान भी चली जाती है।
नीदरलैंड में रैडबोड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने गंभीर हालत में पहुंचे दो परिवारों के चार युवा मरीजों की आनुवांशिक संरचना का विश्लेषण किया, जिन्हें पहले कोई रोग नहीं था। इन चार मरीजों को वेंटीलेटर पर रखा गया था। शोध में पाया गया कि इन मरीजों में यह जीन मौजूद तो था, लेकिन वह कार्यक्षमता खो चुका था।
शोधकर्ताओं ने कहा कि टीएलआर जीन मानव कोशिकाओं में कई तरह के प्रोटीन बनाता है, जो वायरस या बैक्टीरिया के बाहरी हमले की पहचान में सहायक होते हैं और प्रतिरोधी क्षमता को सक्रिय करते हैं। लेकिन जीन में बदलाव से ऐसे प्रोटीन नहीं उत्पन्न हो पाते और मरीजों की हालत बिगड़ती चली जाती है। यह अध्ययन अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।