इंडिया रिपोर्टर लाइव
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 12 साल पूरे कर लिये. कोहली ने 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ वनडे खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। वह अपने पहले इंटरनेशनल मैच में 12 रन ही बना पाए थे. लेकिन कोहली ने वक्त के साथ खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया और मौजूदा समय में उनका शुमार दुनिया के महान बल्लेबाजों में होता है।
विराट कोहली ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अपना डेब्यू किया था. पदार्पण मैच में कोहली ने वीरेंद्र सहवाग की जगह गौतम गंभीर (0) के साथ पारी का आगाज किया। उस मैच में भारतीय टीम की बल्लेबाजी नहीं चल पाई थी. टीम इंडिया की ओर से युवराज सिंह सबसे ज्यादा 23 रन बना पाए और भारतीय पारी महज 146 रनों पर सिमट गई थी।
डेब्यू से अपना ध्यान नहीं खींच पाए थे विराट
कोहली ने अपने डेब्यू मैच में भारत की ओर से पहली बाउंड्री लगाई थी और वह भी चामिंडा वास की गेंद पर. कोहली 22 गेंद पर 12 रन बनाए और तेज गेंदबाज नुवान कुलसेकरा ने उन्हें एलबीडब्ल्यू कर दिया था। दांबुला में खेला गया वह मुकाबला भारत ने 8 विकेट से गंवाया और श्रीलंका ने 5 मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त ले ली थी. विराट कोहली वनडे में भारत के लिए ओपनिंग करने वाले चौथे सबसे युवा बल्लेबाज बन गए।
वनडे: भारत के सबसे कम उम्र के सलामी बल्लेबाज
18 साल, 317 दिन – पार्थिव पटेल, 2004
19 साल, 220 दिन – युवराज सिंह, 2001
19 साल, 278 दिन – विनोद कांबली, 1991
19 साल, 287 दिन – विराट कोहली, 2008
19 साल, 321 दिन – दिलीप वेंगसरकर, 1976
अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला साल असरदार नहीं
कोहली ने पांच मैचों की सीरीज में 12, 37, 25, 54, 31 रनों की पारियां खेलीं. श्रीलंका दौरे के बाद उन्हें अगले एक साल तक टीम में मौका नहीं मिला. उन्हें दोबारा सितंबर 2009 में भारतीय टीम में जगह मिली। विराट अपने 14वें वनडे में पहला शतक लगाने में कामयाब रहे, जब उन्होंने 2009 में श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता में शतकीय पारी खेली. हालंकि इस मैच से पहले नागपुर में वह अपना पहला अर्धशतक (54 रन) लगा चुके थे।
टीम में वापसी पर विराट ने ओपनिंग नहीं की
सितंबर 2009 में भारतीय टीम में वापसी के बाद विराट ने ओपनिंग नहीं की. श्रीलंका के खिलाफ ईडन गार्डन्स में नंबर-4 पर खेलते हुए (24 दिसंबर 2009) उन्होंने अपना पहला शतक (107) बनाया. 316 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने गंभीर (150 *) के साथ तीसरे विकेट के लिए 224 रनों की साझेदारी की थी. भारत ने वह मुकाबला 7 विकेट से जीता था।
होबार्ट में ऐतिहासिक पारी से सबका दिल जीत लिया
कोहली की ऐतिहासिक पारी (28 फरवरी 2012) ट्राई सीरीज के दौरान होबार्ट में देखने के मिली. उस मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 4 विकेट पर 320 रनों का बड़ा स्कोर बनाया। टीम इंडिया ने विराट के 86 गेंदों में 133 रनों की नाबाद पारी की बदौलत 40 ओवरों में ही 321 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया. और सबसे बढ़कर टीम इंडिया ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने के लिए अपनी जगह सुरक्षित कर ली।
ऑस्ट्रेलिया दौरा: करियर का ‘टर्निंग प्वाइंट’
कोहली के करियर के टर्निंग प्वाइंट की बात करें, तो वह 2011-12 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आया. हालांकि तब 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में कंगारुओं ने टीम इंडिया का क्लीव स्वीप किया, लेकिन एडिलेड में खेले गए आखिरी टेस्ट में कोहली ने शतक बनाया। जबकि पर्थ में खेले गए तीसरे टेस्ट में वह 44 और 75 रन बनाने में कामयाब रहे थे. इन पारियों की बदौलत विराट ने ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ियों की नजरों में अलग पहचान बना ली थी।